"खोंग": अवतरणों में अंतर
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'''खोंग''' (बर्मा भाषा : ရခိုင်လူမျိုး ,
इस समाज में स्त्री पुरुष दोनों की एक सी वेशभूषा होती है। इनके बीच इस संबंध में एक अनुश्रुति प्रचलित है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में अराकान के किसी राजा की एक रूपवती रानी थी। राजा उसी के प्रेम मे निमग्न रहकर राजकाज की उपेक्षा करने लगा। जब रानी ने यह देखा तो वह स्वयं राजकाज देखने लगी। उसकी सुव्यवस्था देखकर प्रजा उसे देव समान मानने लगी। रानी ने देखा कि लोग स्त्रियों को पुरुषों की उपेक्षा हेय मानते हैं। उसे यह बात अच्छी न लगी। उसने आदेश दिया कि स्त्रियाँ पुरुषों के समान लुंगी धारण करेंगी और पुरुष केश बढ़ायेंगे और हाथ पाँव में गुदना गुदवाएँगे। प्रजा ने रानी की इस आज्ञा का पालन किया और आज तक यह बात मान्य होती चली आ रही है।
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