"गजनी (2008 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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'''''ग़जनी'' ''' ({{lang-hi|घजनी}}) [[गीता आर्ट्स]] के बैनर तले बनी [[ए.आर.मुरुगाडोस|ए.आर. मुरुगाडोस]] द्वारा निर्देशित एवं निर्मित 2008 की [[बॉलीवुड]] फिल्म है। तमिल फिल्म जो मुरुगाडोस द्वारा ही निर्देशित थी, इसी नाम से बनी. ''ग़जनी'' की पटकथा [[क्रिस्टोफर नोलान]] द्वारा लिखित तथा निर्देशित हॉलीवुड की फिल्म [[मेमेंटो (फिल्म)|"मेमेंटो"]] पर आधारित है। इसकी मुख्य भूमिका में [[आमिर खान]] और [[असिन थोट्टूमकल]] है; जबकि [[जिया खान]], [[प्रदीप रावत]] और [[रियाज खान|रियाज़ खान]] सहायक भूमिकाओं में हैं। आमिर खान ने इस भूमिका के लिए अपने निजी प्रशिक्षक के साथ लगातार एक साल अपनी निजी व्यायामशाला में प्रशिक्षण के लिए बिताया.
यह फिल्म मारधाड़ वाली अपने [[रोमांस फिल्म|रोमांटिक]] तत्वों के साथ [[एक्शन फिल्म|एक्शन]]-[[रोमांचक (शैली)|थ्रिलर]] फिल्म है जो कि उच्च प्रकृति के पूर्व स्मृति लोप [[एंटीरोग्रेड स्मृतिलोप|(एंटीरोग्रेड एम्नेसिया]]) रोग से ग्रस्त एक अमीर व्यापारी की जिंदगी की छानबीन करती है, जिसे यह रोग अपनी प्रेयसी [[मॉडल (व्यक्ति)|मॉडल]] कल्पना की एक हिंसक मुठभेड़ में हत्या के कारण हो जाता
== कथासार ==
इस फिल्म की कहानी मेडिकल छात्रा सुनीता और उसकी सह्पाठिनें जो उसके साथ मानव-मस्तिष्क की एक परियोजना पर काम कर रहीं हैं, से खुलती है। ह संजय सिंघानिया, शहर के नामजद (भूतपूर्व) व्यापारी जो सूचनानुसार [[एंटीरोग्रेड स्मृतिलोप|घटनोत्तर स्मृति लोप]] से पीड़ित हैं, की विलक्षण वस्तु-स्थिति की जांच पड़ताल करना चाहती है। उसके प्रोफेसर संजय के अभिलेखन तक अभिगमन से अस्वीकार कर देते हैं क्योंकि वर्तमान में उसके सारे आपराधिक तथ्यों की जांच जारी है। इसके बावजूद सुनीता इस जांच को खुद ही अंजाम देने का फैसला करती है।
संजय को एक दूसरे व्यक्ति की क्रूरता से हत्या करता हुआ पेश किया जाता
[[मुंबई]] पुलिस निरीक्षक अर्जुन यादव सीरियल हत्याओं के संगीन मामले की छानबीन से जुड़े हैं। वह संजय का पता लगाते हुए उसे उसके फ्लैट में खोज निकालते हैं और उसपर हमला कर उसे अपाहिज कर देते हैं। अर्जुन यादव तस्वीरों और लिखित नोट्स के व्यापक सेट को देखकर हैरान हो जाते हैं। उन्हें ऐसी दो डायरियां मिलतीं हैं जिनमें 2005 और 2006 की घटनाओं को क्रम से लिपिबद्ध किया गया है। जैसे ही इंसपेक्टर यादव 2005 की डायरी पढ़ते है फिल्म 2005 के पूर्व दृश्य में प्रवेश करती है। संजय सिंघानिया एक प्रतिष्ठित व्यापारी वंश का व्यक्ति है जो एयर वोयस टेलीफोन कंपनी का मालिक है। विदेश में उसने अपनी शिक्षा-दीक्षा समाप्त कर ली है और लौटकर अपने परिवार के व्यवसाय को संभाल लिया है। अपने कारोबार के दौरान संजय अपने कर्मचारियों को एक जुझारू अभिनेत्री/मॉडल कल्पना से मिलने एवं उसके अपार्टमेन्ट के ऊपर एयर वोयस का विशाल विज्ञापन बोर्ड (बिल बोर्ड) लगाने के बारे में बातचीत करने के लिए भेजता है। कल्पना की मोडलिंग/विज्ञापन कंपनी का मालिक इसे एक रोमांस का चक्कर समझने की भूल कर बैठता है और (एयर वोयस के विज्ञापन-विमोचन अभियान के लाभप्रद पहलू एवं अन्य मुनाफों के मद्देनज़र) कल्पना को यह प्रस्ताव मंजूर कर लेने को प्रोत्साहित करता है। वह प्रमुख मॉडल के रूप में उसकी पदोन्नति कर देता है। कल्पना आमतौर पर प्यारी और रहमदिल है। वह इसे बतौर एक मासूम शरारत करने के लिए स्वीकार कर लेती है (ताकि उसे बेहतर मोडलिंग के काम मिल सकें) और इस प्रकार संजय के गर्लफ्रेंड के रूप में पहेलियों से भरा नाटकीय खेल शुरू करती है।
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इस बीच, सुनीता संजय के फ्लैट में आती है और यादव को पीटकर बंधा हुआ पड़ा पाती है। उसे इस बात का पता भी लग जाता है कि ग़जनी ही संजय का निशाना है। यादव उसे इस बात की भी जानकारी देता है कि संजय एक जानामाना सीरियल हत्यारा है। सुनीता के हाथों दो डायरियां लग जातीं हैं और वह यादव को आजाद कर देती है। अचानक इसी बीच संजय वहां पहुँच जाता है; उसे उनमे से किसी की याद नहीं आती है और वह उनका पीछा करता हुआ बाहर निकल जाता है। अंततोगत्वा यादव एक बस से टकरा जाता है और सुनीता बड़ी मुश्किल से सनकी संजय से बच निकलती है। यह जानकार कि ग़जनी खतरे में है, वह उसे सूचित कर देती हैं कि यह संजय ही है जो उसकी जान के पीछे पड़ा हुआ है। इस नाम को लक्ष्य बनाकर पता लगाता हुआ ग़जनी संजय के फ्लैट में उसकी हत्या के इरादे से पहुँच जाता है। वह उसके सारे फोटोग्राफ्स और नोट्स नष्ट कर देता है और उसके गुंडे संजय को काबू में कर उसके मौजूदा गोदने पर पुनः गोदवा देते है (इस प्रकार खरोंच कर मिटाते हुए) ताकि पुरानी यादों को संकेतित करने वाले सारे निशान मिट जाएं. इत्मिनान होकर की पुरानी यादों से जोड़नेवाले सारे निशान मिटा दिए गए, ग़जनी संजय को इसी हालत में छोड़कर चला जाता है।
इस बीच, छात्रावास में लौटकर सुनीता 2006 की डायरी पढ़ती है। फिल्म की कहानी फिर 2006 के पूर्व दृश्य में लौट जाती है। ऐसा दिखाया जाता है कि कल्पना ने संजय के विवाह प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। यह डायरी भी अचानक समाप्त हो जाती है। सुनीता और आगे छानबीन कर पता लगाती है और यह खोज निकालती है कि 2006 में किसी पड़ाव पर कल्पना अनजाने में अनचाहे ही वेश्यावृति करवाने वालों के बुरे जाल में उलझ गई थी। रेलयात्रा के दौरान उसकी भेंट 25 निरीह भोली भाली कमसिन लड़कियों से हुई जो धंधे के लिए मुंबई भेजी जा रहीं थीं। वह उन लड़कियों की रक्षा कर उनका उद्धार करती है। लेकिन लड़कियां गिरोह के सरगना के रूप में ग़जनी का नाम लेतीं हैं। ग़जनी अपने तरीके से अपने माध्यमों (भ्रष्ट पुलिस और नेताओं) का प्रयोग लड़कियों की जुबान बंद करने के लिए करता है और कल्पना को खुद खोज निकलने के लिए निकल पड़ता है। ग़जनी और उसके गुंडे तोड़-फोड़ करते हुए कल्पना के अपार्टमेन्ट में घुस जाते हैं और उसके लौट आने की प्रतीक्षा करते है जबकि कल्पना अन्दर ही मिल जाती है। संयोगवश, संजय वहां कल्पना से मिलने पहुंच गया। कल्पना का अंतिम उच्चारित शब्द था "ग़जनी ". गुंडों ने कल्पना पर हमला कर दिया.संजय हस्तक्षेप करने ही वाला था कि अचानक ग़जनी ने लोहे की छड़ से उसके सिर पर आघात कर दिया. संजय की आँखों के सामने अंतिम दृश्य कौंध जाता है, कि ग़जनी के लोहे की छड़ के क्रूर प्रहार से ही कल्पना की हत्या हुई थी।
सुनीता को अब सदमा वाली सच्चाई का पता चल जाता है, वह संजय से मुलाक़ात करती है और उसे बताती है कि सच क्या है। गुस्से से बेकाबू होकर वह जी-जान से ग़जनी का पीछा करता है। मुंबई में ग़जनी की मांद में पहुंचकर संजय ग़जनी के सभी अनुचर गुर्गों को एक-एक कर बाकायदा सुनियोजित ढंग से क्रूरतापूर्वक मार डालता है और ग़जनी के पीछे पिल पड़ता है। दुर्दम्य ढंग से खदेड़ता हुआ वह उसके पास पहुँच कर लड़ाई में भिड़ जाता
फिल्म अपनी समाप्ति की ओर बढ़ती है, संजय अभी भी अपनी स्मृति-लोप की बीमारी से ग्रसित एक अनाथालय में स्वंयसेवक के रूप में काम कर रहा
== भूमिका ==
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'''सारांश''' - ''क्या आमिर खान बनने का कभी सपना देखा है ?'' ''तो आओ यही तुम्हारे लिए मौका है कि बॉलीवुड की फिल्म ग़जनी पर आधारित तुम भारत की पहली 3D PC के खेल में आमिर खान की भूमिका अदा करो.'' ''आमिर खान की आवाज़ में संजय की अनोखी दास्तान का अनुभव प्राप्त करो.'' ''उसकी आवाज़ सुनो जो तुम्हें एक सुराग से दूसरे सुराग में ले जाती हुई सबूत की बारीक पगडण्डी पकड़ा देती है। '' ''उसके मुकाबला करने और लड़ने के दांव-पेंच को अपने तरीके से अपनाओं हालांकि गुंडों के दल-के-दल तुम्हारा खात्मा करने को तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। '' ''ग़जनी की दुनिया का उसकी ही आँखों से अनुसन्धान करो जब वह अजीबोगरीब सेट्स से गुजारता हुआ मूल मूवी से पुनः सृष्ट आभासी दुनिया में पहुंचा देता है। '' ''कहानी पर नियंत्रण करो और अपनी PC में मूवी को पुनः सृष्ट कर मनोरंजन का जायजा लो.''
यह खेल जो मूवी पर आधारित है जो प्रथम पुरुषमें (अर्थात् वक्ता कहानी खुद कह रहा है); पांच स्टारों में खेला जाने वाला खेल है। इसमें खिलाड़ी खेल का नायक संजय सहायक की भूमिका अदा करता
=== समीक्षकीय स्वागत ===
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एक्सप्रेस इंडिया की शुभ्रा गुप्ता ने ग़जनी को अधिक लम्बी, अधिक हिंसा से भरपूर तथा [[जिया खान]] की अभिनय और नृत्यकला की आलोचना करते हुए [[आमिर खान]] और [[असिन]] के अभिनय की प्रशंसा की है।<ref>[http://www.expressindia.com/latest-news/Ghajini-Movie-Review/402773/ ग़जनी समीक्षा]</ref>
हालांकि कुछ नकारात्मक समीक्षाएं भी हुई हैं।[[इंडियाटाईम्स|इंडिया टाईम्स]] के गौरव मलानी ने फिल्म की लम्बाई की आलोचना और कलाकारों के प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए केवल 2 सितारे दिए हैं।<ref>[http://economictimes.indiatimes.com/ET_Cetera/Ghajini_Movie_Review_/articleshow/3895546.cms ग़जनी : मूवी की समीक्षा] "</ref> कुछ समालोचकों ने तमिल शैली के अनुकरण पर एक्शन और मार-धाड़ की दृश्यों की भी आलोचना की
[[IMDB]] पर ग़जनी ने 6.9 उपभोक्ताओं की श्रेणी पाई है।<ref>[http://www.imdb.com/title/tt1166100/ इंटरनेट मूवी डेटाबेस द्वारा ग़जनी (2008) का सार]</ref>
=== प्रेरणा ===
''ग़जनी'' और इसके [[ग़जनी (2005 फ़िल्म)|2005 के तमिल/तेलगु संस्करण,]] दोनों ही [[मेमेंटो]] पर आधारित
== मोबाइल सामग्री ==
''इंडियागेम्स ग़जनी'' एक मोबाइल गेम है और इसके प्रयोग फिल्म पर ही आधारित हैं। इंडियागेम्स ने 4 खेल विकसित किए हैं जिसमे से 1 का व्यवहार मोबाइल प्लेटफॉर्म के शीर्षक पर आधारित है। इसमें अनेक प्रकार के गेम्स हैं, जैसे कि ''अल्टीमेट वर्कआउट'',
== संगीत ==
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