"जेफ्री चासर": अवतरणों में अंतर
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स्त्रियों तथा वैवाहिक जीवन के संबंध में इन्होंने सामान्यतया व्यंग्यात्मक ढंग से लिखा है। संभव है ऐसा इन्होंने केवल विनोद के लिये किया हो। इनकी पत्नी का नाम फिलिप्पा था। सन् १४०० ई. में चासर की मृत्यु हुई।
चासुर के जीवनकाल में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई। सबसे महत्वपूर्ण इंग्लैंड और फ्रांस के बीच लगभग सौ वर्ष तक चलनेवाला युद्ध ही था जिसमें इन्होंने स्वयं भाग लिया था। लेकिन इनकी कविता में न इस युद्ध का उल्लेख है और न शत्रुओं के विरुद्ध दुर्भावना की अभिव्यक्ति। इसी समय किसानों का विद्रोह तथा विनाशकारी प्लेग जैसी ऐतिहासिक महत्व की घटनाएँ हुई। लेकिन इनका भी कोई जिक्र इनकी रचनाओं में नहीं मिलता। फिर भी कैंटरबरी टेल्स में न केवल इंग्लैंड के तत्कालीन सामाजिक जीवन की, यूरोपीय जीवन में हो रहे महत्वपूर्ण परिवर्तनों की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है। इस समय तक रोम के चर्च में व्याप्त भ्रष्टाचारों की ओर लोगों का ध्यान जाने लगा था। यत्रतत्र पादरियों की चारित्रिक त्रुटियां की खरी आलोचना भी होने लगी थी। धर्म द्वारा व्यापक रूप से प्रभावित यूरोपीय विचारधारा में यह
जैसा कहा जा चुका है, चासर ने अपना साहित्यिक जीवन 'रोमाँ डे ला रोज़' के अनुवाद से प्रारंभ किया। रूपक शैलो में प्रेम की व्याख्या प्रस्तुत करनेवाला वह काव्य भिन्न ही नहीं अपितु परस्पर विरोधी प्रकृति के दो फ्रांसीसी कवियों की कृति है। स्वप्न में एक प्रेमी एक सुंदर उद्यान में प्रेम के पुष्प को तोड़ने का प्रयत्न करता है। प्रारंभिक भाग प्रेम का बड़ा ही शिष्ट, सुंदर एवं प्रभावोत्पादक चित्र प्रस्तुत करता है लेकिन बादवाले भाग में दूसरे कवियों ने स्त्रियों तथा प्रेम के वर्णन में ध्यंग्यात्मक शैली अपनाई है। चासर की कई रचनाओं में हम फ्रांसीसी काव्य का प्रभाव देखते हैं। 'बुक आँव डचेज़' 'हाउस ऑव फेम' तथा 'पार्लमेंट ऑव फाउल्स' रूपक शैली में हैं। तीनों में वर्णित घटनाएँ स्वप्न में देखी प्रतीत होती हैं। बुक ऑव डचेज तथा पार्लमेंट ऑव फाउल्स में कवि दरबारी परंपरा के अनुसार प्रेम की व्याख्या प्रस्तुत करता है। प्रेम का ऐसा ही आदर्श चित्रण हम रों डे ला रोज में भी पाते हैं।
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