"गाथा (अवेस्ता)": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो हलान्त शब्द की पारम्परिक वर्तनी को आधुनिक वर्तनी से बदला। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया। |
||
पंक्ति 16:
: तेम् ने यस्ताईस आर्म तो ईस् मिमघ्जो
: ये आन्मेनी यज्दाओ स्रावि अहूरो (गाथा
अर्थात् हम केवल उसी को पूजते हैं जो अपने धर्म के कार्यों से और अहुरमज्द के नाम से विख्यात है। जरथुस्त्र ने स्पष्ट शब्दों में ईश्वर के ऊपर अपनी दृढ़ आस्था इस गाथा में प्रकट की है :
: नो इत् मोइ वास्ता क्षमत् अन्या (गाथा
इसका स्पष्ट अर्थ है कि भगवान के अतिरिक्त मेरा अन्य कोई रक्षक नहीं है। इतना ही नहीं, इसी गाथा में आगे चलकर वे कहते हैं-मज़दाओ सखारे मइरी श्तो (गाथा
1. अस (वैदिक [[ऋतम]]) = संसार की नियामक शक्ति
|