"नहर": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी।
छो हलान्त शब्द की पारम्परिक वर्तनी को आधुनिक वर्तनी से बदला।
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इसका सृजन मुख्यत: दो उद्देश्यों से होता है। पहला तो दो या अधिक जलखंडों या सरिताओं के मिलाने के लिए, जिसके द्वारा जलमार्ग से यातायात हो सके - यह यातायात छोटी छोटी नौकाओं द्वारा हो अथवा बड़े बड़े जहाजों द्वारा। दूसरा उद्देश्य, नदी या सरोवरों से जल को भूसिंचन, जलप्रदाय तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नहरों द्वारा दूर दूर तक पहुँचाना।
 
पहले उद्देश्य के लिए बनी नहरें संसार के सभी भागों में पाई जाती हैं। ऐसी ही एक नहर मुगलों की बनाई हुई दिल्ली में थी जिसके किनारे भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री जवाहरलाल नेह डिग्री के पूर्वज रहते थे, इसी कारण उनके परिवार का नाम नेह डिग्री पड़ा। ऐसी नहरें बड़ी-बड़ी भी होती हैं। संसार की प्रसिद्ध स्वेज़ नहर, लाल सागर और भूमध्यसागर को मिलती है और पनामा नहर प्रशांत तथा ऐटलैंटिक दो महासागरों के बीच यातायात की सुविधा प्रदान करती है। दोनों नहरें आधुनिक युग की देन हैं और इंजीनियरिंग की महान्महान कृतियों में इनकी गणना होती है।
 
नहरों और अन्य जलमार्गों में विशेष अंतर यह होता है कि अन्य जलमार्ग, जैसे नदी, नाले और सागर प्राकृतिक होने के कारण स्वयं ही उस दशा में बने रहते हैं, किंतु नहरों को ठीक दशा में रखने के लिए सदा उपचार करने पड़ते हैं। उदाहरण के लिए, स्वेज़ नहर को यातायात योग्य बनाए रखने के लिए, उसमें से रेत निकालने के लिए, बड़ी बड़ी मशीनें सदा काम में लगी रहती हैं और बहुत बड़ी संख्या में इंजीनियर उसकी देखभाल के लिए रखने पड़ते हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/नहर" से प्राप्त