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'''गौरीकुंड''' में वासुकी गंगा [[केदारनाथ]] से वासुकी ताल होते हुए [[मंदाकिनी]] में मिलती है, यह कस्बा केदारनाथ के लिए मोटर वाहन शीर्ष है। गौरीकुंड १९८१ मी. ऊँचाई पर है।<ref>[http://nainitalsamachar.in/memorable-kedarnath-yatra/ यादगार रहेगी वह केदारनाथ यात्रा]।कमल। कमल जोशी</ref> यहाँ से केदारनाथ की दूरी १४ किमी. है, जो पैदल अथवा घोड़े, डाँडी या कंडी में तय करते हैं। यहीं से केदारनाथ के लिए पैदल रास्ता प्रारंभ होता है। गौरीकुंड में, केदारनाथ से १३ किलोमीटर नीचे, मंदाकिनी के दाहिने तट पर, गर्म पानी के दो सोते हैं (५३°C और २३°C)। एक दूसरा गर्म सोता ठीक बद्रीनाथ मंदिर के नीचे है जिसका तापमान ४९०°से. है। ऐतिहासिक दृष्टि से [[गौरीकुंड]] प्राचीन काल से विद्यमान है। लेकिन एच.जी. वाल्टन ने ब्रिटिश गढ़वाल अ गजटियर में लिखा है कि गौरीकुंड मंदाकिनी के तट पर एक चट्टी थी। यहां गौरा माई – गौरी को समर्पित – का सुंदर एवं प्राचीन मंदिर देखने योग्य है। यहां अत्यधिक समर्पण भाव के साथ संध्याकालीन आरती की जाती है। पावन मंदिरगर्भ में शिव और पार्वती की धात्विक प्रतिमाएं विराजमान हैं। यहां एक पार्वतीशिला भी विद्यमान है जिसके बारे में माना जाता है कि [[पार्वती]] ने यहां बैठकर ध्यान लगाया था।<ref name="मेरापहाड़">[http://www.merapahad.com/forum/religious-places-of-uttarakhand/gorikund-famus-hillstation-uttarakhand/ गौरीकुण्ड]</ref>
 
== संदर्भ ==