"चन्द्रवाक्य": अवतरणों में अंतर
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'''चंद्रवाक्य''' ([[संस्कृत]] में : ''चन्द्रवाक्यानि'') सूची (लिस्ट) के रूप में व्यवस्थित संख्याओं के एक समूह को कहते हैं जिनका उपयोग प्राचीन भारतीय गणितज्ञों द्वारा [[चन्द्रमा]] की पृथ्वी के चारो ओर गति की गणना के लिए किया जाता था। वास्तव में ये संख्या के रूप में होते ही नहीं हैं बल्कि संख्याओं को [[कटपयादि संख्या|कटपयादि]] विधि द्वारा शब्दों में बदल दिया जाता है। इस प्रकार ये 'शब्दों की सूची',
परम्परागत रूप से [[वररुचि]] (चौथी शताब्दी) को चन्द्रवाक्यों का रचयिता माना जाता है। चन्द्रवाक्यों का उपयोग समय-समय पर [[पंचांग]] बनाने तथा पहले से ही चन्द्रमा की स्थिति की गणना के लिए किया जाता था। चन्द्रवाक्यों को 'वररुचिवाक्यानि' तथा 'पंचाङ्गवाक्यानि' भी कहा जाता है।
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