"चिंपैंजी": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये।
छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया।
पंक्ति 35:
{{Further|[[Ape#History of hominoid taxonomy|History of hominoid taxonomy]]}}
[[चित्र:Hominoid taxonomy 7.svg|thumb|होमिनोइडे के टेक्सोनोमिक संबंध]]
''पैन'' जीनस को होमिनिनी उप-परिवार का हिस्सा माना जाता है जिससे [[मनुष्य|मनुष्यों]] का संबंध है। ये दो प्रजातियाँ मनुष्यों की सबसे करीबी जीवित [[क्रम-विकास|विकासवादी]] संबंधी हैं तथा साठ लाख (छः मिलियन) वर्ष पहले [[मनुष्य|मनुष्यों]] और इनके पूर्वज एक ही थे।<ref>{{Cite web|url=http://news.mongabay.com/2005/0831a-nih.html |title=Chimps and Humans Very Similar at the DNA Level |publisher=News.mongabay.com |date= |accessdate=2009-06-06}}</ref> 1973 में मैरी-क्लेयर किंग की शोध में मनुष्यों और चिम्पान्जियों के बीच 99% एक सामान [[डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल|डीएनए]] पाए गए,<ref> मैरी-क्लेयर किंग, डॉक्टरेट शोध प्रबंध, ''प्रोटीन पॉलीमोर्फिस्म्स इन चिम्पांजी एंड ह्यूमन इवोल्यूशन'', डॉक्टोरल डिसर्टैशन, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले (1973).</ref> हालांकि गैर-कोडिंग डीएनए में कुछ भिन्नता के कारण उसके बाद की शोध में इस आंकड़े को बदलकर लगभग 94%<ref name="ns">{{Cite web| url = http://www.sciam.com/article.cfm?chanID=sa003&articleID=9D0DAC2B-E7F2-99DF-3AA795436FEF8039 |date= 2006-12-19 | title = Humans and Chimps: Close But Not That Close | publisher = Scientific American | accessdate = 2006-12-20}}</ref> कर दिया गया। यह प्रस्ताव किया गया है ''ट्रोग्लोडाइट्स'' और ''पैनिस्कस'' का संबंध ''सेपियंस'' के साथ जीनस ''पैन'' की बजाय ''होमो'' से है। इसके लिए दिए गए तर्कों में से एक यह है कि अन्य प्रजातियों को मनुष्यों और चिम्पान्जियों के बीच की तुलना में कम आनुवंशिक समानता के आधार पर एक ही जीनस में रखने के लिए पुनः वर्गीकृत किया गया है।
 
=== जीवाश्म ===
पंक्ति 124:
=== अध्ययन ===
[[चित्र:NASAchimp.jpg|left|thumb|अंतरिक्ष में जाने वाला चिम्पांजी एनोस, 1961 में मर्करी-एटलस 5 कैप्सूल में डाले जाने से पहले.]]
नवंबर 2007 तक अमेरिका की 10 प्रयोगशालाओं में (वहाँ कैद में रहने वाले 3,000 विशाल वानरों में से) 1300 चिम्पांजी मौजूद थे जिन्हें या तो जंगलों से पकड़ा गया था या फ़िर सर्कसों, पशु प्रशिक्षकों या चिड़ियाघरों से प्राप्त किया गया था।<ref>{{Cite web| url = http://www.releasechimps.org/mission/end-chimpanzee-research | title = End chimpanzee research: overview | publisher = Project R&R, New England Anti-Vivisection Society | date = 2005-12-11 | accessdate = 2008-03-24}}</ref> ज्यादातर प्रयोगशालाओं में या तो शोध को स्वयं किया गया या शोध के लिए चिम्पांजियों को उपलब्ध कराया;<ref name="HSUSmap">{{Cite web| url = http://www.hsus.org/animals_in_research/chimps_deserve_better/research/chimpanzee-lab-and-sanctuary-map.html | title = Chimpanzee lab and sanctuary map | publisher = The Humane Society of the United States | accessdate = 2008-03-24}}</ref> इस शोध को "संक्रामक एजेंट के साथ टीकाकरण, चिम्पांजी के हित के लिये नहीं बल्कि शोध के लिये की जाने वाली शल्य चिकित्सा या बायोप्सी और/या औषधि परीक्षण" के रूप में परिभाषित किया गया।<ref name="HSUSresearch">{{Cite web| url = http://www.hsus.org/animals_in_research/chimps_deserve_better/research/overview_of_research_uses_and.html | title = Chimpanzee Research: Overview of Research Uses and Costs | publisher = Humane Society of the United States | accessdate = 2008-03-24 |archiveurl = http://web.archive.org/web/20080307055406/http://www.hsus.org/animals_in_research/chimps_deserve_better/research/overview_of_research_uses_and.html <!-- Bot retrieved archive --> |archivedate = 2008-03-07}}</ref> संघ द्वारा वित्त पोषित दो प्रयोगशालाएं चिम्पांजियों का प्रयोग करती हैं: जॉर्जिया के अटलांटा में इमोरी यूनिवर्सिटी में यर्केस नेशनल प्राइमेट रिसर्च लेबोरेटरी और टेक्सास के सैन एंटोनियो में साउथवेस्ट नेशनल प्राइमेट सेंटर.<ref name="Lovgren"> लोव्ग्रेन, स्टेफन. [http://news.nationalgeographic.com/news/2005/09/0906_050906_chimplabs.html शुड लैब्स ट्रीट चिम्पस मोर लाइक ह्यूमन?], ''नेशनल ज्योग्राफिक न्यूज'', 6 सितम्बर 2005.</ref> अमेरिका में पाँच सौ चिम्पांजियों को प्रयोगशाला में इस्तेमाल से रिटायर कर दिया गया है और ये अमेरिका या कनाडा में अभयारण्यों में रहते हैं।<ref name="HSUSmap"/>
 
जैव-चिकित्सा संबंधी अनुसंधान में इस्तेमाल किये गए चिम्पांजियों को ज्यादातर प्रयोगशाला संबंधी जानवरों के मामले में प्रयोग करने के बाद मार डालने के प्रचलन की बजाय कई दशकों तक बार-बार इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका की प्रयोगशालाओं में वर्तमान में मौजूद कुछ चिम्पांजियों को 40 से अधिक वर्षों से प्रयोगों में इस्तेमाल किया जा रहा है।<ref name="HSUSbetter"> [http://www.hsus.org/animals_in_research/chimps_deserve_better/ चिम्पस डिज़र्व बेटर], संयुक्त राज्य अमेरिका की ह्यूमन सोसायटी.</ref> प्रोजेक्ट आरएंडआर के अनुसार अमेरिका की प्रयोगशालाओं में रखे गये चिम्पांजियों को मुक्त करने के लिये एक अभियान – न्यू इंगलैंड एंटी-विविसेक्शन सोसायटी द्वारा जेन गुडऑल और अन्य प्राइमेट शोधकर्ताओं के सहयोग से चलाया जा रहा है – अमेरिकी प्रयोगशाला में सबसे पुराना ज्ञात चिम्प, वेनका है जिसका जन्म 21 मई 1954 को फ़्लोरिडा की एक प्रयोगशाला में हुआ था।<ref>{{Cite web|author=A former Yerkes lab worker |url=http://www.releasechimps.org/chimpanzees/their-stories/wenka/ |title=Release & Restitution for Chimpanzees in U.S. Laboratories » Wenka |publisher=Releasechimps.org |date= |accessdate=2009-06-06}}</ref> उसे उसके जन्म के दिन ही एक दृष्टि प्रयोग में इस्तेमाल के लिये उसकी माँ से अलग कर दिया गया था, यह प्रयोग 17 महीनों तक चला और उसके बाद उसे एक पालतू जानवर के रूप में उत्तरी कैरोलिना के एक परिवार को बेच दिया गया। 1957 में उसे फ़िर से यर्केस नेशनल प्राइमेट रिसर्च सेंटर में वापस लाया गया जब वह इतना बड़ा हो गया था कि उसे संभालना मुश्किल हो गया था। तब से उसने छः बार अपने बच्चों को जन्म दिया है और उसे शराब के इस्तेमाल, खाने वाले गर्भ निरोधकों, बुढ़ापा और संज्ञानात्मक अध्ययनों में इस्तेमाल किया गया है।<ref name="R&RWenka"> [http://www.releasechimps.org/chimpanzees/their-stories/wenka/ वेंका], आर&amp;आर परियोजना, न्यू इंग्लैंड एंटी-विविसेक्शन सोसायटी.</ref>
पंक्ति 140:
टेलीविजन के युग में चिम्प की भूमिका के लिये [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में एक नयी शैली की शुरुआत हुई है: एक ऐसी सीरीज जिसके पात्रों में चिम्पांजियों को पूरी तरह से मनुष्यों जैसे कपड़े पहने और मानव अभिनेताओं द्वारा डब की गयी लाइनों पर "बोलते" हुए दिखाया जाता है।<ref name="Van Riper 19"/> ये कार्यक्रम, जिनके उदाहरणों में 1970 के दशक में ''लैन्सेलोट लिंक, सीक्रेट चिम्प'' या 1990 के दशक में ''द चिम्प चैनल'' शामिल हैं, अपनी पुरानी, कम हास्य वाली कथाओं को मजेदार बनाने के लिये वानर पात्र की विलक्षणता पर भरोसा किया गया था।<ref name="Van Riper 19"/> उनके चिम्पांजी "अभिनेता" सर्कस के किसी खेल में वानरों के समान आपस में बदले जाने योग्य होते थे जो चिम्पांजियों की तरह मनोरंजक होते थे ना कि व्यक्तिगत तौर पर.<ref name="Van Riper 19"/> मानव अधिकार समूह पेटा ने पशुओं के साथ होनेवाले दुरुपयोग का हवाला देते हुए विज्ञापन दाताओं को टेलीविजन और व्यावसायिक विज्ञापनों में चिम्पांजियों के इस्तेमाल के विरुद्ध आग्रह किया था।<ref> http://www.nomoremonkeybusiness.com/</ref>
 
जब अन्य टीवी कार्यक्रमों में चिम्पांजियों को दिखाया जाता है, आम तौर पर उन्हें हास्यपूर्ण ढंग से मनुष्यों को सहायता पहुँचाने के लिये ऐसा करते हुए पेश किया जाता है। उदाहरण के लिये उस भूमिका में जे. फ़्रेड मग्स ''टुडे शो'' के प्रस्तोता (होस्ट) डेव गैरोवे के साथ 1950 के दशक में, जूडी 1960 के दशक में ''डक्टारी'' में या डार्विन ''द वाइल्ड थोर्न बेरीज'' में 1990 के दशक में दिखाई दिये थे।<ref name="Van Riper 19"/> इसके विपरीत अन्य जानवरों के काल्पनिक चित्रणों में जैसे कि ''कुत्तों (लैसी'' के रूप में), ''डॉल्फ़ीन्स (फ़्लिपर)'', ''घोड़े (द ब्लैक स्टैलियन)'' या यहाँ तक कि अन्य ''विशाल वानरों (किंग कांग)'', चिम्पांजी के पात्र और उनकी भूमिकाएं शायद ही कभी कथानक के लिये प्रासंगिक होती हैं।<ref name="Van Riper 19"/>
 
=== विज्ञान कथा में भूमिकाएं ===
पंक्ति 161:
 
== अग्रिम पठन ==
* हाक, जॉन. [http://www.slate.com/id/2212232/ "हाउ स्ट्रोंग इज ए चिम्पांजी?"] ''स्लेट'', 25 फरवरी 2009.
 
== बाह्य कड़ियां ==