"साबरमती आश्रम": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
आश्रम से प्रारंभ में निवास के लिये कैनवास के खेमे और टीन से छाया हुआ रसोईघर था। सन् 1917 के अंत में यहाँ के निवासियों की कुल संख्या 40 थी। आश्रम का जीवन गांधी जी के सत्य, अहिंसा आत्मससंयम, विराग एवं समानता के सिद्धांतों पर आधारित महान्महान प्रयोग था और यह जीवन उस सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्रांति का, जो महात्मा जी के मस्तिष्क में थी, प्रतीक था।
 
साबरमती आश्रम सामुदायिक जीवन को, जो भारतीय जनता के जीवन से सादृय रखता है, विकसित करने की प्रयोगाशाला कहा जा सकता था। इस आश्रम में विभिन्न धर्मावलबियों में एकता स्थापित करने, [[चरखा|चर्खा]], खादी एवं ग्रामोद्योग द्वारा जनता की आर्थिक स्थिति सुधारने और अहिंसात्मक असहयोग या सत्याग्रह के द्वारा जनता में स्वतंत्रता की भावना जाग्रत करने के प्रयोग किए गए। आश्रम भारतीय जनता एवं भारतीय नेताओं के लिए प्रेरणाश्रोत तथा भारत के स्वतंत्रता संघर्ष से संबंधित कार्यों का केंद्रबिंदु रहा है। कताई एवं बुनाई के साथ-साथ चर्खे के भागों का निर्माण कार्य भी धीरे-धीरे इस आश्रम में होने लगा।