"सायण": अवतरणों में अंतर
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'''सायण''' या आचार्य सायण (चौदहवीं सदी, मृत्यु १३८७ इस्वी) [[वेद|वेदों]] के सर्वमान्य [[भाष्य|भाष्यकर्ता]] थे। सायण ने अनेक ग्रंथों का प्रणयन किया है, परंतु इनकी कीर्ति का मेरुदंड वेदभाष्य ही है। इनसे पहले किसी का लिखा, चारों वेदों का भाष्य नहीं मिलता। ये विजयनगर साम्राज्य के सेनापति
== जीवनी ==
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