"तक्षशिला": अवतरणों में अंतर
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== उत्खनन (खुदाई) एवं पुरातत्व ==
[[चित्र:Taxila2.jpg|right|thumb|300px|तक्षशिला]]
प्राचीन तक्षशिला के खंडहरों को खोज निकालने का प्रयन्त सबसे पहले [[जनरल कनिंघम]] ने शुरू किया था, किंतु ठोस काम 1912 ई0 के बाद ही भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से [[सर जॉन मार्शल]] के नेतृत्व में शुरू हुआ और अब उसके कई स्थानों पर छितरे हुए अवशेष खोद निकाले गए हैं। लगता है, भिन्न भिन्न युगों में नगर विदेशी आक्रमणों के कारण ध्वस्त होकर नई बस्तियों के रूप में इधर-उधर सरकता रहा। उसकी सबसे पहली बस्ती पाकिस्तान के [[रावलपिंडी]] जिले में भीर के टीलों से, दूसरी बस्ती रावलपिंडी से 22 मील उत्तर सिरकप के खंडहरों से और तीसरी बस्ती उससे भी उत्तर सिरसुख से मिलाई गई है। ये बस्तियाँ क्रमश: पाँचवी और दूसरी शती ईसवी पूर्व के बीच दूसरी और पहली शती ईसवी पूर्व के बीच (यूनीनी बाख्त्री युग) तथा पहली शती ईसा पूर्व और पहली ईसवी शती के मध्य (शक-कुषण युग) की मानी जाती हैं। खुदाइयों में वहाँ अनेक स्तूपों और विहारों (विशेषत: कुणाल विहार) के चिह्न मिले हैं (आर्केयालॉजिकल सर्वे ऑव इंडिया की रिपोर्टें, 1912-13 की, 1923-24 की तथा1928-29 की मार्शल कृर्त ए गाइड टु टैक्सिला दिल्ली 1936; एँश्येंट इंडिया,
== तक्षशिला विश्वविद्यालय ==
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