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== इतिहास ==
[[रामायण]] कथा के अनुसार स्वयंबर के शर्तों को प्राप्त करने के पश्चात यहीं पर राजा [[जनक]] की पुत्री [[सीता]] और [[दशरथ]] के पुत्र [[राम]] का विवाह संपन्न हुआ था। कहा जाता है कि [[रामायण]] काल में [[मिथिला]] नगर के परकोटा के बाहर इसी स्थान पर सिरध्वज [[जनक]] की तनया [[सीता]] के स्वयंबर के काल में धनुष-खंडन-यज्ञ का आयोजन किया गया था। इसी कारण से इस स्थान को 'रन्गभूमि' की संज्ञा भी प्राप्त हुयी। यहाँ विशाल शिव धनुष का एक खंड पृथवि पर पड़ा बताया जाता है। जनता उसकी पूजा करती है। [[जनकपुर]] के तीर्थार्थी प्राय: धनुषा जाकर धनुष खंड का दर्शन-पूजन करते हैं।<ref>मिथिला का इतिहास, लेखक : राम प्रकाश शर्मा, प्रकाशक : कमेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा, प्रकाशन वर्ष :1979, पृष्ट : 477</ref>
 
== यातायात और संचार सुविधाएं ==