"नंदगाँव, मथुरा": अवतरणों में अंतर

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[[File:नंदगाँव का एक दृश्य.JPG|thumb|नंदगाँव]]
 
'''नंदगांव''' [[उत्तर प्रदेश ]] राज्य के [[मथुरा]] जिले में प्रसिद्ध पौराणिक ग्राम [[बरसाना]] के पास एक छोटा सा नगर है। यह नंदीश्वर नामक सुन्दर पहाड़ी पर बसा हुआ है। यह कृष्ण भक्तों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। किंवदंती के अनुसार यह गांव भगवान कृष्ण के पिता नंदराय द्वारा एक पहाड़ी पर बसाया गया था। इसी कारण इस स्थान का नाम [[नंदगांव]] पड़ा। [[गोकुल]] को छोड़ कर [[नंदबाबा]] [[श्रीकृष्ण]] और गोप ग्वालों को लेकर [[नंदगाँव]] आ गए थे।
 
== भूगोल ==
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== प्रमुख आकर्षण ==
यहां नंदराय (नंदबाबा) का एक मंदिर प्रसिद्ध है, इसी नन्दीश्वर पर्वत पर कृष्ण भगवान व उनके परिवार से संबंधित अनेक दर्शनीय स्थल भी हैं जिनमें नरसिंह, गोपीनाथ, नृत्य गोपाल, गिरधारी, नंदनंदन और माता यशोदा के मंदिर हैं| पर्वत के साथ ही पान सरोवर तथा पास ही में एक बड़ी झील है जिस पर मसोनरी घाट निर्मित है। मान्यता है कि यहां पर भगवान कृष्ण अपनी गायों को स्नान कराने लाया करते थे। पास ही [[खदिरवन]], [[बूढ़े बाबू]], [[नंदीश्वर]], [[हाऊ-बिलाऊ]], [[पावन सरोवर]], [[उद्धव क्यारी]] नामक दूसरे स्थान भी यहाँ कृष्ण के जीवन की विभिन्न घटनाओं से सम्बद्ध माने जाते हैं।
[[File:नंदगांव का क़स्बा और पहाडी पर नंदराय मंदिर.JPG|thumb|नंदगांव का क़स्बा और नन्दीश्वर पहाड़ी पर नंदराय मंदिर ]]
=== नंदराय मंदिर ===
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=== नंदीश्वर मंदिर ===
नंदगांव में भगवान शंकर का मंदिर नंदीश्वर महादेव है। कृष्ण जन्म के बाद भगवान शंकर साधु के वेश में उनके दर्शन के लिए नंदगांव आए थे। पर यशोदा ने उनका विचित्र रूप देख कर इस आशंका से कि शिशु उन्हें देख कर डर न जाए उन्हें अपना बालक नहीं दिखाया। भगवान शंकर वहां से चले गये और [[जंगल]] में जाकर ध्यान लगा कर बैठ गए। इधर भगवान श्रीकृष्‍ण अचानक रोने लगे और सब ने उन्हें चुप कराने की बहुत कोशिश पर भी वह जब चुप ही नहीं हुए तब यशोदा के मन में विचार आया कि जरूर वह साधु कोई तांत्रिक रहा होगा जिसने बालक पर जादू-टोना कर दिया है। यशोदा के बुलाने पर एक बार फिर शंकर वहां आये। तत्काल भगवान कृष्ण ने रोना बंद कर उन्हें आया देख कर मुस्कुराना शुरू कर दिया। साधु ने से माता यशोदा से बालक के दर्शन करने और उसका जूठा भोजन प्रसाद रूप में माँगा। तभी से यह परम्परा चली आ रही है कि भगवान कृष्ण को लगाया गया भोग बाद में नंदीश्वर मंदिर में शिवलिंग पर भी चढ़ाया जाता है। वन में जिस जगह शंकर ने कृष्ण का ध्यान किया था वहीं नन्दीश्वर मंदिर बनवाया गया है|
 
=== पावन सरोवर ===
यह सरोवर नंदीश्वर पर्वत की तलहटी में स्थित है। कहा जाता है माता यशोदा कृष्ण भगवान को इसी सरोवर में स्‍नान करवाया करती थी। नंदराय और अन्य पुरूष लोग यहीं पर स्नान किया करते थे। इस सरोवर का जल साफ है- इस कारण इसका नाम पावन सरोवर है। इसका पुनुरुद्धार ब्रज फाउंडेशन ने किया है|
 
=== भजन कुटीर [[सनातन गोस्वामी]] ===
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;सड़क मार्ग
नंदगांव [[मथुरा]], [[वृंदावन]], [[गोवर्धन]], [[बरसाना]] और [[कोसी]] से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। कोसी [[दिल्ली]] से 100 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। आप कोसी/ मथुरा/ भरतपुर/ गोवर्धन/ हो कर भी नंदगांव पहुंच सकते हैं। वैसे [[मथुरा]] से नंदगाव तक जाने के लिए [[उत्तर प्रदेश]] पर्यटन विभाग/ उत्तर प्रदेश रोडवेज की सीधी बस सुविधा भी उपलब्ध है।
 
== संदर्भ ==