"प्राकृतिक दृश्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया। |
||
पंक्ति 14:
== शब्द व्युत्पत्ति ==
माना जाता है कि ''लैंडस्किफ्ट'',
इस शब्द का आधुनिक स्वरुप अपनी [[दृश्यात्मक]] व्याख्याओं सहित 16वीं शताब्दी में सामने आया जब ''लैंडस्केप'' शब्द का परिचय अंतर्देशीय प्राकृतिक या ग्रामीण भूदृश्य की चित्रकारियों के संदर्भ में डच चित्रकारों द्वारा कराया गया। ''लैंडस्केप'' को सबसे पहले 1598 में दर्ज किया गया था, जिसे 16वीं सदी के दौरान एक चित्रकार संबंधी शब्द के रूप में डच भाषा से लिया गया था, जब डच चित्रकार [[प्राकृतिक दृश्य निर्माण कला]] के क्षेत्र में पारंगत होने की स्थिति में थे। पहले डच शब्द ''लैंड्सचैप'' का मतलब केवल भूमि का एक क्षेत्र या हिस्सा था लेकिन फिर इसे कलात्मक भाव के लिए अपना लिया गया, जिसे अंग्रेजी में भूमि पर मौजूद किसी दृश्यात्मक चित्र की व्याख्या के लिए शामिल किया गया।
पंक्ति 34:
हाल के दशकों में [[पर्यावरण]] शब्द का उपयोग काफी तेजी से बढ़ा है। जे एप्लेटन (देखें [[पर्यावरण मनोविज्ञान]]) ने ''पर्यावरण'' को ''प्राकृतिक दृश्य '' से यह कहते हुए अलग रखा कि प्राकृतिक दृश्य "एक जाना-पहचाना परिवेश" है। जैसा कि बोरासा ने टिपण्णी की<ref>[9] बौरासा, एस.सी., 1991. द ऐस्थेटिक्स ऑफ लैंडस्केप, बेल्हावेन प्रेस, लंदन.</ref>, प्राकृतिक दृश्य के बनिस्पत पर्यावरण शब्द का एक लाभ यह है कि पर्यावरण को शहरी दृश्यों से अधिक बेहतर समझा जा सकता है, हालांकि ''शहरी प्राकृतिक दृश्य (अर्बन लैंडस्केप)'' शब्द भी आम तौर पर उपयोग में है। चूंकि ''पर्यावरण'' शब्द किसी क्षेत्र विशेष के संपूर्ण भौतिक, जैविक, सांस्कृतिक और सौंदर्य के घटकों को अपने अन्दर समाहित किये है, आम तौर पर इसे अत्यंत व्यापक और प्राकृतिक दृश्य के लिए एक दायरे के अंदर का शब्द समझा जाता है।
''[[सीन]]'',
''प्राकृतिक दृश्य सौंदर्य शास्त्र'' या सिर्फ ''सौंदर्य शास्त्र'' शब्द का साहित्य में अक्सर इस्तेमाल किया जाता है। प्राकृतिक दृश्य की तुलना में सौंदर्य शास्त्र का मूल कहीं अधिक विवादास्पद है। इसे ग्रीक शब्द ''ऐस्थेसिस'' से लिया गया है, जिसका अर्थ है "भावनात्मक समझ." इस शब्द का उपयोग एक युवा जर्मन दार्शनिक [[एलेक्जेंडर बौमगार्टन]] [1714 - 62] द्वारा ''ऐस्थेटिका'' [1750-58] के शीर्षक के रूप में किया जाता था, जिन्होंने इस ग्रीक शब्द का उपयोग गलत तरीके से [[सौंदर्य]] की आलोचना या [[स्वाद (समाजशास्त्र)]] के सिद्धांत के रूप में किया। इस प्रकार जो शब्द वास्तव में भावनात्मक समझ (सेंस परसेप्शन) के विस्तृत क्षेत्र पर लागू होता है, उसे स्वाद के क्षेत्र तक ही सीमित कर दिया गया था। [[इमैनुअल कैंट]] ने 1781 में इस उपयोग की आलोचना की और इसे इसके सुन्दरतम अर्थ "भावनात्मक समझ का दर्शनशास्त्र" के रूप में इस्तेमाल किया"<ref>[10] ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ इंग्लिश एटिमोलोजी, 1966. सीटी ओनियंस, [एड], मैकमिलन, न्यूयॉर्क.</ref>. हालांकि, 1830 के बाद इंग्लैण्ड में प्रवेश पाते ही अशुद्ध शब्द ''ऐस्थेटिक्स'' की लोकप्रियता बढ़ने लगी और ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी के अनुसार, बौमगार्टन द्वारा इसके अर्थ की नयी व्याख्या के एक सदी के अंदर ही, समूचे यूरोप में इसका व्यापक रूप से प्रयोग होने लगा था।
|