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'''अंटार्कटिका''' (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें [[दक्षिणी ध्रुव]] अंतर्निहित है। यह [[दक्षिणी गोलार्द्ध]] के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, [[एशिया]], [[अफ्रीका]], [[उत्तरी अमेरिका]] और [[दक्षिणी अमेरिका]] के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है।
 
औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है।<ref>{{cite web | title=National Geophysical Data Center | publisher=National Satellite, Data, and Information Service| url=http://www.ngdc.noaa.gov/mgg/image/2minrelief.html |accessdate=9 Juneजून 2006}}</ref> अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहाँ का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है।<ref>{{cite web|author=C. Alan Joyce |url=http://www.worldalmanac.com/blog/2007/01/the_world_at_a_glance_surprisi.html |title=The World at a Glance: Surprising Facts |publisher=The World Almanac |date=2007-01-18 |accessdate=2009-02-07}}</ref> यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल है।
 
हालांकि पूरे [[यूरोप]] में '''टेरा ऑस्ट्रेलिस''' (दक्षिणी भूमि) के बारे में विभिन्न मिथक और अटकलें सदियों से प्रचलित थे पर इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता [[मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव]] और [[फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन]] को जाता है। यह महाद्वीप अपनी विषम जलवायु परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और मुख्य भूमियों से अलगाव के चलते 19 वीं शताब्दी में कमोबेश उपेक्षित रहा। महाद्वीप के लिए अंटार्कटिका नाम का पहले पहल औपचारिक प्रयोग 1890 में स्कॉटिश नक्शानवीस [[जॉन जॉर्ज बार्थोलोम्यू]] ने किया था। अंटार्कटिका नाम [[यूनानी]] यौगिक शब्द ανταρκτική एंटार्कटिके से आता है जो ανταρκτικός एंटार्कटिकोस का स्त्रीलिंग रूप है और जिसका<ref>[http://www.perseus.tufts.edu/cgi-bin/ptext?doc=Perseus%3Atext%3A1999.04.0057%3Aentry%3D%239514 Antarktikos], Henry George Liddell, Robert Scott, ''A Greek-English Lexicon'', at Perseus</ref> अर्थ "उत्तर का विपरीत" है।"<ref>{{cite book|first=Bernadette |last=Hince |url=http://books.google.com/books?id=lJd8_owUxFEC&pg=PA6&lpg=PA6&dq=antarctica+opposite+of+north+greek&source=web&ots=ACmVhnUkbo&sig=IbN0OK9FBy29RPzGdDqZevrlylk&hl=en&sa=X&oi=book_result&resnum=2&ct=result |title=The Antarctic Dictionary |publisher=CSIRO Publishing |page=6 |isbn=9780957747111 |year=2000 |accessdate=2009-04-26}}</ref>
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[[टॉलेमी]] के समय (1 शताब्दी ईस्वी) से पूरे यूरोप में यह विश्वास फैला था कि दुनिया के विशाल महाद्वीपों एशिया, यूरोप और उत्तरी अफ्रीका की भूमियों के संतुलन के लिए पृथ्वी के दक्षिणतम सिरे पर एक विशाल महाद्वीप अस्तित्व में है, जिसे वो टेरा ऑस्ट्रेलिस कह कर पुकारते थे। टॉलेमी के अनुसार विश्व की सभी ज्ञात भूमियों की सममिति के लिए एक विशाल महाद्वीप का दक्षिण में अस्तित्व अवश्यंभावी था। 16 वीं शताब्दी के शुरुआती दौर में पृथ्वी के दक्षिण में एक विशाल महाद्वीप को दर्शाने वाले मानचित्र आम थे जैसे तुर्की का [[पीरी रीस नक्शा]]। यहां तक कि 17 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में, जब खोजकर्ता यह जान चुके थे कि [[दक्षिणी अमेरिका]] और [[ऑस्ट्रेलिया]] कथित 'अंटार्कटिका " का भाग नहीं है, फिर भी वो यह मानते थे कि यह दक्षिणी महाद्वीप उनके अनुमानों से कहीं विशाल था।
 
यूरोपीय नक्शों में इस काल्पनिक भूमि का दर्शाना लगातार तब तक जारी रहा जब तक कि, एचएमएस रिज़ोल्यूशन और एडवेंचर जैसे पोतों के कप्तान [[जेम्स कुक]] ने 17 जनवरी 1773, दिसम्बर 1773 और जनवरी 1774 में अंटार्कटिक वृत को पार नहीं किया। कुक को वास्तव में अंटार्कटिक तट से 121 किलोमीटर (75 मील) की दूरी से जमी हुई बर्फ के चलते वापस लौटना पड़ा था। अंटार्कटिका को सबसे पहले देखने वाले तीन पोतों के कर्मीदल थे जिनकी कप्तानी तीन अलग अलग व्यक्ति कर रहे थे। विभिन्न संगठनों जैसे कि के अनुसार [[नैशनल साइंस फाउंडेशन]],<ref>{{cite web | author=U.S. Antarctic Program External Panel of the [[National Science Foundation]] | title=Antarctica—Past and Present|url=http://www.nsf.gov/pubs/1997/antpanel/antpan05.pdf|accessdate=6 Februaryफ़रवरी 2006|format=PDF}}</ref> [[नासा]],<ref>{{cite web|url=http://quest.arc.nasa.gov/antarctica/background/NSF/palmer.html|title=Nathaniel Brown Palmer, 1799-1877|publisher=NASA, U.S. Government|author=Guy G. Guthridge|accessdate=2006-02-06}}</ref> [[कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय]], सैन डिएगो<ref>{{cite web|url=http://arcane.ucsd.edu/pstat.html|archiveurl=http://web.archive.org/web/20060210005949/http://arcane.ucsd.edu/pstat.html|archivedate=2006-02-10|title=Palmer Station|accessdate=2008-03-03}}</ref> (और अन्य स्रोत),<ref>{{cite web|url=http://www.south-pole.com/p0000052.htm|title=An Antarctic Time Line: 1519–1959|publisher=south-pole.com|accessdate=2006-02-12}}</ref><ref>{{cite web|url=http://ku-prism.org/polarscientist/timeline/antarcticexplorers1800.html|title=Antarctic Explorers Timeline: Early 1800s|accessdate=2006-02-12}}</ref> के अनुसार 1820 में अंटार्कटिका को सबसे पहले तीन पोतों ने देखा था, जिनकी कप्तानी तीन अलग अलग व्यक्ति कर रहे थे जो थे, [[फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन]] (रूसी शाही नौसेना का एक कप्तान), [[एडवर्ड ब्रांसफील्ड]] (ब्रिटिश शाही नौसेना का एक कप्तान) और [[नैथानियल पामर]] (स्टोनिंगटन, कनेक्टिकट का एक सील शिकारी)। फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन ने अंटार्कटिका को 27 जनवरी 1820 को, एडवर्ड ब्रांसफील्ड से तीन दिन बाद और नैथानियल पामर से दस महीने (नवम्बर 1820) पहले देखा था। 27 जनवरी 1820 को वॉन बेलिंगशौसेन और मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव जो एक दो-पोत अभियान की कप्तानी कर रहे थे, अंटार्कटिका की मुख्य भूमि के अन्दर 32 किलोमीटर तक गये थे और उन्होने वहाँ बर्फीले मैदान देखे थे। प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार अंटार्कटिका की मुख्य भूमि पर पहली बार पश्चिम अंटार्कटिका में अमेरिकी सील शिकारी जॉन डेविस 7 फरवरीफ़रवरी 1821 में आया था, हालांकि कुछ इतिहासकार इस दावे को सही नहीं मानते।
 
दिसम्बर 1839 में, [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] की नौसेना द्वारा संचालित, '''संयुक्त राज्य अमेरिका अन्वेषण अभियान 1838-42''' के एक भाग के तौर पर एक अभियान [[सिडनी]], ऑस्ट्रेलिया से अंटार्कटिक महासागर (जैसा कि इसे उस समय जाना जाता था) के लिए रवाना हुआ था और इसने [[बलेनी द्वीपसमूह]] के पश्चिम में ‘अंटार्कटिक महाद्वीप’ की खोज का दावा किया था। अभियान ने अंटार्कटिका के इस भाग को [[विल्कीज़ भूमि]] नाम दिया गया जो नाम आज तक प्रयोग में आता है।
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=== क्रायो-जैव विज्ञान अध्ययन ===
क्रायो जैव विज्ञान प्रयोगशाला का 15 फरवरी,फ़रवरी 2010 को उद्घाटन किया गया था ताकि जैव विज्ञान और रसायन विज्ञान के क्षेत्र के उन अनुसंधानकर्ताओं को एक स्थान पर लाया जा सके। जिनकी निम्न तापमान वाली जैव- वैज्ञानिक प्रणालियों के क्षेत्र में एक सामान रूचि हो। इस प्रयोगशाला में इस समय ध्रुवीय निवासियों के जीवाणुओं का अध्ययन किया जा रहा है। जैव वैज्ञानिक कार्यक्रमों की कुछ उपलब्धियों में शीतल आबादियों से बैक्‍टरि‍या की कुछ नई उपजातियों का पता लगाया गया है। अंटार्कटि‍क में अब तक पता लगाई गयी 240 नई उपजातियों में से 30 भारत से हैं। 2008-11 के दौरान ध्रुवीय क्षेत्रों से बैक्‍टरि‍या की 12 नई प्रजातियों का पता चला है। दो जीन का भी पता लगा है जो निम्न तापमान पर बैक्‍टरि‍या को जीवित रखते हैं। जैव प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए कम उपयोगी तापमान पर सक्रिय कई लिपासे और प्रोटीज का भी पता लगाया है।
 
अंटार्कटि‍क संबंधी पर्यावरणी संरक्षण समिति द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार मैत्री में पर्यावरणीय मापदंडों का अनुश्रवण किया जाता है। भारत ने अपने नये अनुसंधान केन्द्रित लार्जेमन्न पहाड़ियों पर पर्यावरणीय पहलुओं पर आधार रेखा आंकड़ें संग्रह संबंधी अध्ययन भी शुरू कर दिये हैं। इसकी प्रमुख उपलब्धियों में पर्यावरणीय मूल्यांकन संबंधी विस्तृत रिपोर्ट की तैयारी है। यह रिपोर्ट लार्जसन्न पर्वतीय क्षेत्र से पर्यावरणीय मानदंडों पर एकत्र किये गये आधार रेखा आंकड़े और पर्यावरणीय प्रयोगशालाओं में किये गये कार्य पर आधारित है। भारत एंटार्कटिक समझौता व्यवस्था की परिधि में दक्षिण गोदावरी हिमनदी के निकट संरक्षित क्षेत्र स्थापित करने में भी सफल रहा।