"अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार'": अवतरणों में अंतर

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'''अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान''' (१६ जून १९३६ – १३ फरवरीफ़रवरी २०१२<ref name=jagran>{{cite news|title=शायरी के शहजादे सुपुर्द-ए-खाक|url=http://www.jagran.com/news/national-shahryar-buried-8896902.html|accessdate=14 Februaryफ़रवरी 2012|publisher=[[दैनिक जागरण]]|date=14 Februaryफ़रवरी 2012|place=अलीगढ़|language=हिन्दी}}</ref>), जिन्हें उनके तख़ल्लुस या उपनाम '''शहरयार''' से ही पहचाना जाना जाता है, एक [[भारतीय]] [[शिक्षाविद]] और भारत में [[शायरी|उर्दू शायरी]] के दिग्गज थे।
 
== आरंभिक जीवन ==
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== कार्य ==
बेहद जानकार और विद्वान शायर के तौर पर अपनी रचनाओं के जरिए वह स्व-अनुभूतियों और आधुनिक वक्त की समस्याओं को समझने की कोशिश करते नजर आते हैं। शहरयार ने गमन और आहिस्ता-आहिस्ता आदि कुछ हिंदी फ़िल्मों में गीत लिखे, लेकिन उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता १९८१ में बनी फ़िल्म [[उमराव जान]] से मिली। "इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं," "जुस्तजू जिस की थी उसको तो न पाया हमने," "दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिये," "कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता" - जैसे गीत लिख कर [[बॉलीवुड|हिंदी फ़िल्म जगत]] में शहरयार बेहद लोकप्रिय हुए हैं।<ref name=ibn7>{{cite news|title=जमीं की गोद में सदा के लिए सो गया शब्दों का चितेरा|url=http://khabar.ibnlive.in.com/news/67143/6/23|accessdate=14 Februaryफ़रवरी 2012|publisher=[[आईबीएन ७|आईबीएन-7]]|date=14 Februaryफ़रवरी 2012|place=अलीगढ़|language=हिन्दी}}</ref>
 
== पुरस्कार एवं सम्मान ==
यह वर्ष २००८ के लिए ४४वें [[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] से नवाजे गये। समकालीन उर्दू शायरी के जगत में अहम भूमिका निभाने वाले शहरयार को उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी पुरस्कार, [[साहित्य अकादमी पुरस्कार]], दिल्ली उर्दू पुरस्कार और फ़िराक सम्मान सहित कई पुरस्कारों से नवाजा गया।<ref name=jansatta>{{cite news|title=मशहूर शायर शहरयार नहीं रहे|url=http://www.jansatta.com/index.php?option=com_content&task=view&id=11516|accessdate=14 Februaryफ़रवरी 2012|publisher=[[जनसत्ता]]|date=14 Februaryफ़रवरी 2012|place=अलीगढ़|language=हिन्दी}}</ref> शहरयार उर्दू के चौथे साहित्यकार हैं जिन्हें ज्ञानपीठ सम्मान मिला। इससे पहले फ़िराक गोरखपुरी, क़ुर्रतुल-एन-हैदर और अली सरदार जाफ़री को ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है।
 
== संदर्भ ==