"ब्रह्म समाज": अवतरणों में अंतर

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== स्थापना ==
२०, अगस्त १९२८। राजा राममोहन राय ने [[तुलनात्मक धर्म]] अध्ययन किया था परन्तु वे मुख्य रूप से उपनिषद, उनके दर्शन तथा विचारों से प्रभावित हुए थे, उपनिषद दर्शन के प्रभाव वश ही उनके द्वारा अपने संगठन का नाम ब्रह्म समाज रखा गया उनके विचार तथा योगदान धार्मिक, सामाजिक, तथा राजनेतिक क्षेत्रो मे व्याप्त थे उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता माना जाता है
 
== उनके धार्मिक विचार ==
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(५) ब्रह्म समाज के विशावासो के अनुसार ईश्वर सभी सत्ताओ का स्रोत है, व्यर्थ के दार्शनिक वाद्विवादों, रीतिरीव्जो, धयं योग का कोई स्थान नही है <br />
(६) यह एक मान्वात्वादी धर्म था जिसमे मनुष्य जाति सबसे महत्वपूर्ण थी, मानवता ही सबसे बड़ा धर्म था<br />
(७) ब्रह्म समाज उपनिषदों के ब्रह्म से प्रभावित था एक ईश्वर का समर्थक, मूर्तिपोजा, पुजारी पंठो, धार्मिक अन्धविश्वासों तथा प्रथाओ का विरोधी थे
 
== सामाजिक विचार ==