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* रेलगाड़ी के विकास ने विश्व भर में क्रांति ला दी, किन्तु इसे भी कई प्रकार के विरोध का सामना करना पड़ा। यूनिवर्सिटी कालेज, लन्दन के विद्वान प्रोफेसर डा लार्डर ने घोषणा की थी कि तेज गति से रेल यात्रा सम्भव नहीं है।
 
* '''हवा से भारी उड़ने वाली मशीनों का निर्माण असम्भव है''' : प्रख्यात वैज्ञानिक एवं वहाँ की रायल सोसायटी के अध्यक्ष [[लार्ड केल्विन]] ने १८९५ में यह भविष्यवाणी की थी।किन्तुथी। किन्तु इंसान उड़ा और वह भी सन १९०३ में ही। एडिसन ने भी इसके कुछ वर्ष पहले यह घोषणा की थी कि उड़ने वाली मशीन का निर्माण सम्भव नहीं है।
 
* '''दुनिया में इससे बड़ा विमान कभी नहीं बनेगा''' : 1933 में बोइंग 247 की उडा़न देखने के बाद बोइंग के एक इंजीनियर ने ये बात कही थी कि इससे बड़ा विमान कभी नहीं बनेगा। उस विमान में 10 लोगों के बैठने की जगह थी। इसी तरह 1904 में प्रोफेसर ऑफ स्ट्रेटजी मार्सेल फर्डिनांड फोच ने कहा था कि एयरोविमान इंटरेस्टिंग खिलौने हैं, लेकिन युद्ध के लिए उनका कोई इस्तमाल नहीं है।
 
* जब एडिसन विद्युत बल्ब बनाने की अपनी परियोजना पर काम कर रहे थे तब ब्रिटिश पार्लियामेंट के विद्वान सांसदों की एक समिति ने मजाक करते हुए कहा था कि यह चीज (विद्युत बल्ब) अटलांटिक के पार के हमारे मित्रों (अमेरिकी लोगों) के लिये ठीक हो सकती है, लेकिन [[विज्ञान]] एवं व्यावहारिकता (फीजिबिलिटी) की समझ रखने वालों के ध्यान देने लायक नहीं है।
 
* जब [[ग्राहम बेल]] ने [[टेलीफोन]] का आविष्कार किया तो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रदरफोर्ड हेज ने इसका प्रदर्शन देखकर कहा था कि 'आविष्कार तो ठीक है किन्तु इस चीज को भला कौन इस्तेमाल करना चाहेगा?'