"मालवा": अवतरणों में अंतर
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बी. पी. सिन्हा के अनुसार ""मालवा प्रदेश पश्चिम में चंबल नदी से लेकर पूर्व में एरण तक, दक्षिण में विंध्य श्रेणी से लेकर उत्तर में चंबल के उत्तरी मोड़ तक विस्तृत था।'' मैलकम द्वारा मालवा की सीमा उत्तर दक्षिण में विंध्याचल से मुकुन्दरा तक तथा पूर्व से पश्चिम में नर्मदा से निमाड़ तक बतलाई गयी है। ओ. एच. के स्पेट के अनुसार ""मालवा प्रदेश त्रिभुजाकार में विंध्य श्रेणी पर आधारित है, जो उत्तर- पश्चिम में अरावली पर्वत से तथा पूर्व में बुंदेलखण्ड से घिरा हुआ है।'' कैलाश चंद्र जैन का मत है कि ""मालवा प्रदेश के अंतर्गत संपूर्ण पश्चिमी मध्य प्रदेश का विस्तृत भू- भाग आता है, जो दक्षिण में विंध्य श्रेणी, पूर्व में सागर- दमाई पठार और बुंदेलखण्ड, उत्तर में गुना- शिवपुरी क्षेत्र और राजस्थान तथा पश्चिम में गुजरात और अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है।
वर्त्तमान में यह लगभग ४७,७६० वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है तथा इसके अंतर्गत धार,
प्राकृतिक रुप से मालवा क्षेत्र उच्चभूमि माना जा सकता है, जिसकी समतल भूमि थोड़ा झुकाव लिये हुए है। अंदर का अधिकांश भाग खुला है। काली मिट्टी की परत होने के कारण भूमि उपजाऊ है। छोटे पठार, जंगल व जल के प्राकृतिक स्रोत मिल जाते हैं।
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