"कॉरोना": अवतरणों में अंतर

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[[सूर्य]] के [[वर्णमंडल]] के परे के भाग को '''किरीट''' या '''कोरोना''' (Corona) कहते हैं। [[पूर्ण सूर्यग्रहण]] के समय वह श्वेत वर्ण का होता है और श्वेत डालिया के पुष्प के सदृश सुंदर लगता है। किरीट अत्यंत विस्तृत प्रदेश है और प्रकाश-मंडल के ऊपर उसकी ऊँचाई सूर्य के व्यास की कई गुनी होती है।
 
'''कॉरोना''' [[चाँद]] या [[पानी]] की बूँदों के विवर्तन के द्वारा [[सूर्य]] के चारों ओर बनाई गई एक पस्टेल हेलो को कहते हैं। इसका निर्माण [[प्लाज़्मा (भौतिकी)|प्लाज़्मा]] द्वारा होता है। ऐसे सिरोस्टरटस के रूप में बादलों में बूंदों और बादल परत स्वयं को लगभग पूरी तरह से समान इस घटना के लिए आदेश में हो रहा होगा. रंग प्रदर्शन कभी कभी के लिए आनंददायक प्रतीत होता है।<ref name="ग्लोसरी">[http://www.superglossary.com/hi/Definition/Weather/Corona.html मौसम के बारे में जानें: कोरोना]। सुपर ग्लोसरी</ref> कोरोना का तापमान लाखों डिग्री है। पृथ्वी से कोरोना सिर्फ पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान ही दिखाई देता है।<ref name="नवभारत">[http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/3701598.cms चंद्रयान के बाद अब मिशन सूरज ]। नवभारत टाइम्स। १२ नवंबर,नवम्बर २००८</ref> [[कोरोना]] [[सूर्य]] की सबसे बड़ी पर्त होती है। कोरोना का तीव्र [[तापमान]] अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है। सौर वायु सूर्य से लगभग ४०० से ७०० कि.मी. प्रति [[सेकेंड]] की गति से बाहर निकलती है।
 
== परिचय ==