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[[चित्र:Vindhya.jpg|thumb|right|250px|भारत के [[विंध्य क्षेत्र]] में वर्षा]]
'''मानसून''' मूलतः [[हिन्द महासागर]] एवं [[अरब सागर]] की ओर से [[भारत]] के [[दक्षिण]]-[[पश्चिम]] तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो [[भारत]], [[पाकिस्तान]], [[बांग्लादेश]] आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी [[विश्व की स्थानीय पवनें|मौसमी पवन]] होती हैं, जो [[दक्षिणी एशिया]] क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग [[ब्रिटिश भारत]] में (वर्तमान [[भारत]], [[पाकिस्तान]] एवं [[बांग्लादेश]]) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये [[बंगाल की खाड़ी]] और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं।<ref>{{cite web|publisher=[[:en:American Meteorological Society|अमरीकी मौसम विभाग]]|author=ग्लोसरी ऑफ मीटियरोलॉजी|date=जून, २०००|url=http://amsglossary.allenpress.com/glossary/search?p=1&query=monsoon&submit=Search|title=Monsoon|accessdate=2008-03-14}}</ref> हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।, <ref>रैमेज, सी., ''मॉनसून मीटियरोलॉजी''। इंटरनेशनल जियोफ़िज़िक्स सीरीज़, खण्ड १५, पृ. २९६। एकैडेमिक प्रेस, सैन डियागो, कैलिफ़। १९७१</ref><ref>इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द थर्ड वर्कशॉप ऑन मानसून्स। [http://caos.iisc.ernet.in/faculty/bng/IWM-III-BNG_overview.pdf द ग्लोबल मॉनसून सिस्टम: रिसर्च एण्ड फ़ोरकास्ट]। अभिगमन तिथि: १६ मार्च, २००८</ref> यहां ये उल्लेखनीय है, कि मॉनसून हवाओं का अर्थ अधिकांश समय वर्षा कराने से नहीं लिया जाना चाहिये। इस परिभाषा की दृष्टि से संसार के अन्य क्षेत्र, जैसे- [[उत्तरी अमेरिका]], [[दक्षिणी अमेरिका]], [[उप-सहारा अफ़्रीका]], [[आस्ट्रेलिया]] एवं [[पूर्वी एशिया]] को भी मानसून क्षेत्र की श्रेणी में रखा जा सकता है। ये शब्द हिन्दी व उर्दु के मौसम शब्द का अपभ्रंश है। मॉनसून पूरी तरह से हवाओं के बहाव पर निर्भर करता है। आम हवाएं जब अपनी दिशा बदल लेती हैं तब मॉनसून आता है।.<ref>ट्रेनबर्थ, के.ई., स्तेपेनियैक, डी.पी., कैरन, जे.एम.। २०००। द ग्लोबल मॉनसून ऍज़ सीन थ्रु द डायवर्जेंट एटमॉस्फेरिक सर्कुलेशन। ''जर्नल ऑफ क्लाइमेट'', '''१३''', ३९६९-३९९३</ref> जब ये ठंडे से गर्म क्षेत्रों की तरफ बहती हैं तो उनमें नमी की मात्र बढ़ जाती है जिसके कारण वर्षा होती है।
 
== नामकरण एवं परिभाषा ==
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=== अफ़्रीका ===
पश्चिमी [[उप-सहारा अफ़्रीका]] का मॉनसून को पहले [[:en:Intertropical Convergence Zone|अन्तर्कटिबन्धीय संसृप्ति ज़ोन]] के मौसमी बदलावों और सहारा तथा विषुवतीय [[अंध महासागर]] के बीच तापमान एवं आर्द्रता के अंतरों के परिणामस्वरूप समझा जाता था।<ref>{{cite web |author=अफ़्रीकन मॉनसून मल्टीडिसिप्लिनरी एनालाइज़ेज़ (AMMA) |title=कैरेक्टरिस्टिक्स ऑफ द वेस्ट अफ़्रीकन मॉनसून |url=http://www.amma-international.org/article.php3?id_article=10 |publisher=AMMA |accessdate=१५ अक्तूबर, २००९}}</ref> ये विषुवतीय अंध महासागर से फरवरी में उत्तरावर्ती होता है और फिर लगभग २२ जून तक पश्चिमी अफ़्रीका पहुंचता है और अक्तूबर तक दक्षिणावर्ती होते हुए पीछे हटता है।<ref>इन्नोवेशन्स रिपोर्ट: [http://www.innovations-report.de/html/berichte/umwelt_naturschutz/bericht-16061.html मॉनसून इन वेस्ट अफ़्रिका: क्लासिक कम्टिन्युइटी हाइड्स ए ड्युअल साइकिल रेनफ़ॉल रेजीम]।अभिगमन। अभिगमन तिथि: २५ मई, २००८</ref> शुष्क उत्तर-पश्चिमी [[व्यापारिक पवन]] और उनके चरम स्वरूप [[हारमट्टन]], [[:en:Intertropical Convergence Zone|ITCZ]] में उत्तरी बदलाव से प्रभावित होते हैं और परिणामित दक्षिणावर्ती पवन ग्रीष्मकाल में वर्षाएं लेकर आती हैं। [[सहेल]] और [[सूडान]] के अर्ध-शुष्क क्षेत्र अपने मरुस्थलीय क्षेत्र में होने वाली अधिकांश वर्षा के लिये इस शैली पर ही निर्भर रहते हैं।
 
=== उत्तरी अमरीका ===