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[[चित्र:Lord Byron coloured drawing.png|right|thumb|250px|लॉर्ड बाइरन]]
 
'''जॉर्ज गॉर्डन बायरन''', (Lord Byron ; २२ जनवरी, १७८८ - १९ अप्रैल, १८२४) प्रसिद्ध [[अंग्रेजी]] कवि थे।
 
== जीवनी ==
उनका जन्म 22 जनवरी, सन् 1788 ई. को लंदन में हुआ। उनके पिता जॉन बायरन सेना के कप्तान और बहुत ही दुराचारी थे। उनकी माता कैथरीन गौर्डन ऐवर्डीनशायर की उत्तराधिकारिणी थीं। उनके पिता ने उनकी माता की सारी संपत्ति दुराचार में लुटा दी, यद्यपि उनकी अपनी संपत्ति कुछ भी नहीं थी और उनके पिता के चाचा ने, जिनके वह उत्तराधिकारी थे, परिवार की सब जायदाद बुरे कामों में नष्ट कर दी। बेचारे बायरन के हाथ कुछ न लगा। उनकी शिक्षा सार्वजनिक विद्यालय हैरों तथा केंब्रिज विश्वविद्यालय में हुई।
 
सन् 1807 में, जब बायरन की अवस्था केवल 20 वर्ष की थी, उनका एक निरर्थक काव्यग्रंथ "ऑवर्स अॅव आइडिलनेस" प्रकाशित हुआ। "एडिनबरा रिव्यू" ने इसका बहुत मज़ाक उड़ाया और बड़ी बड़ी आलोचना की। किंतु बायरन चुप रहनेवाले व्यक्ति नहीं थे, उन्होंने अपने व्यंग्यात्मक काव्य "इंग्लिश बार्ड्स ऐंड स्कॉच रिव्यूअर्स" में, जो सन् 1809 में प्रकाशित हुआ, इस कटु आलोचना का मुँहतोड़ जवाब दिया। इसके बाद वह भूमध्यसागरीय प्रदेशों का पर्यटन करने चले गए और 1811 ई. में घर लौटने पर अपने साथ "चाइल्ड हैरोल्ड" के प्रथम दो सर्ग लाए जो सन् 1812 में प्रकाशित हुए। ये सर्ग इतने लोकप्रिय हुए कि बायरन का नाम समाज और साहित्य में सब जगह फैल गया और जब सब लोगों के हृदय में उनके प्रति अत्यंत प्रशंसा तथा आदर का भाव उमड़ पड़ा। 1813 ई. से लेकर 1815 ई. तक उनकी कथात्मक काव्यरचनाएँ "दि ब्राइड ऑव एबीडौस", "दि कौर्सेयर", "लारा", "दि सीज़ ऑव कॉरिंथ" और "पैरिज़िना" - प्रकाशित हुईं।