"डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:SatelliteDishes-5375.jpg|thumb|200px|घरों के ऊपर डीटीएच की डिश]]
'''घर पहुँच सेवा''' या '''डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट''' (डीबीएस) या '''डायरेक्ट टू होम''' (डीटीएच) [[उपग्रह]] से सीधे [[टीवी]] [[प्रसारण]] सेवा सुविधा है। इस प्रसारण में उपभोक्ता को अपने घर में डिश लगानी होती है। इस प्रसारण में केबल टीवी ऑपरेटर की भूमिका खत्म हो जाती है और प्रसारणकर्त्ता सीधे उपभोगताओं को सेवा प्रदान करता है।<ref name="हिन्दुस्तान डीटीएच">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-92555.html डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट (डीबीएस)]|हिन्दुस्तान लाइव। २२ जनवरी
डीबीएस को प्रायः पर मिनी डिश सिस्टम भी कहा जाता है। डीबीएस में ४ बैंड के ऊपरी हिस्से व बैंड के कुछ हिस्सों को उपयोग में लिया जाता है। संशोधित डीबीएस को सी-बैंड उपग्रह से भी संचालित किया जा सकता है। अधिकांश डीबीएस डीवीबी-एस मानकों को अपने प्रसारण के लिए उपयोग में लाते हैं। इन मानको को पे-टीवी सेवाओं के तहत रखा गया है।
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[[चित्र:Big tv DTH.jpg|thumb|200px|[[बिग टीवी]] डीटीएच का प्रतीक]]
[[चित्र:Tatasky tv DTH.jpg|thumb|200px|[[टाटा स्काई]] डीटीएच का प्रतीक]]
दूरदर्शन की यात्रा टेरिस्टेरियल प्रसारण से आरंभ हुई और केबल नेटवर्क से आगे बढ़ते हुए डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) पर पहुँच चुकी है, जिसने आम उपभोक्ताओ को एक साथ कई विकल्प दिए हैं। बदलती प्रौद्योगिकी से दूरदर्शन चैनलों की संख्या में लगातार बढोत्तरी हो रही है और आनेवाले समय में चैनलों की संख्या के ५०० के भी पार होने की संभावना है।<ref name="जोश">[http://josh18.in.com/showstory.php?id=542312 डीटीएच के विस्तार से बदलेगी टेलीविजन की दुनिया]|जोश १८। २४
== मानदण्ड ==
आज बाजार में डाइरेक्ट टू होम (डीटीएच) स्पेस में भागीदारी के लिए अब जरूरत से ज्यादा प्रतियोगी हो गए हैं, जैसे अकेले [[भारत]] में ही [[डिश टीवी]], [[टाटा स्काई]], [[बिग टीवी]], [[एयरटेल डिजिटल]], [[सन डाइरेक्ट]] और [[वीडियोकोन डी2एच]], आदि। डीटीएच सेवा प्रदाताओं को चुनते हुए ध्यान योग्य कुछ खास बिन्दुओं का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। पिक्चर की गुणवत्ता, विपरीत मौसम में प्रसारण, पैकेज की अनुरूपता, कीमत के अलावा वैल्यू ऐडेड सर्विस आदि बिन्दु चुनाव करते समस्य अवश्य ध्यान दिए जाने चाहिए।<ref name="हिन्दुस्तान-प्रदाता">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/tayaarinews/67-67-92558.html कौन-सा डीटीएच कनेक्शन लेना ज्यादा किफायती और फायदेमंद]|हिन्दुस्तान लाइव। २२ जनवरी
=== तस्वीर की गुणवत्ता ===
जिसकी प्रदाता की पिक्चर क्वालिटी अच्छी होगी, वह डीटीएच सेवा भी उतनी अच्छी कहलाएगी। कुछ सेवाप्रदाताओं द्वारा एमपीईजी4 पिक्चर क्वालिटी उपलब्ध कराई जाती है, जबकि कुछ डीवीडी क्वालिटी डिजिटल ट्रांसमिशन प्रदान करते हैं। नया स्टैंडर्ड एमपीईजी4 के साथ डीवीबी-एस-2 है, जिसे डिजिटल वीडियो ब्रॉडकास्टिंग-दूसरी पीढ़ी से जोड़ा जाता है। यह मानक उसी समय विकसित हुआ जिस समय एच.264 वीडियो कोडेक विकसित हुआ। इस मानक में हाई-डेफिनेशन (एचडी) क्वालिटी का प्रावधान है। इंटरनेट के साथ जुड़कर इसकी सेवाओं का दायरा और अधिक व्यापक हो जाता है। केवल, बाहर भेजे जाने वाले डाटा को दूसरे प्रसारण तरीकों से भेजने की आवश्यकता होती है।
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केबल नेटवर्क से डीटीएच की तुलना करएं तो तार द्वारा प्रसारित होने के कारण केबल नेटवर्क की पहुँच लगभग महानगरों और बड़े शहरों तक ही सीमित है; जबकि डीटीएच की पहुँच महानगरों शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक भी उतनी ही सुलभ है। केबल नेटवर्क जहां अब भी एनालॉग आधारित प्रसारण ही दर्शकों को उपलब्ध कराते हैं, वहीं डीटीएच सेवा द्वारा उपलब्ध कराई जानेवाली तकनीकी उत्कृष्ट दृश्य-श्रव्य गुणवत्ता उपलब्ध कराती है, जिसे केबल सेवा किसी भी परिस्थिति में उपलब्ध नहीं करा सकती है।<ref name="जोश"/>
डीटीएच की सबसे बड़ी खूबी है कि इसके द्वारा उपभोक्ताओं को आवश्यकता के अनुसार चैनल चुनने और उनका भुगतान करने की स्वतंत्रता मिलती है। यह केबल ऑपरेटर की सेवा के विपरीत है, जहां दर्शक चैनलों की संख्या या सेवा गुणवत्ता के बिना मासिक शुल्क देने को बाध्य होते हैं।<ref>[[बिग टीवी]] के मुख्य विपणन अधिकारी उमेश राव के अनुसार</ref> डीटीएच प्लेटफॉर्म के प्रति उपभोक्ताओं की दिलचस्पी बढ़ने का मुख्य कारण अत्यधिक उच्च गुणवत्ता है। डीटीएच सेवा उपभोक्ता को इसके माध्यम से आनेवाली सामग्री के नियंत्रण की लचीली व्यवस्था प्रदान करती है। इसके अलावा डीटीएच, [[कंडिशनल एक्सेस सिस्टम]] (सीएएस) और [[इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन]] ([[आईपीटीवी]]) जैसे डिजिटल माध्यमों में ऐसी व्यवस्था होती है, कि उनकी पहुँच बच्चों तक होने से रोका जा सके।<ref name="जोश-२">[http://josh18.in.com/showstory.php?id=498512 अश्लील फिल्मों के टीवी प्रसारण को अनुमति सम्भव]। जोश १८। २८ अगस्त
== सशर्त पहुँच मॉड्यूल (कंडीशनल एक्सेस मॉड्यूल) ==
कैम या कंडीशनल एक्सेस माडय़ूल एक छोटा सा उपकरण होता है जिसे उपभोक्ता अपने सेट टॉप बॉक्स में लगा सकते हैं। यह ग्राहक को बिना नया सेट टॉप बॉक्स खरीदे दूसरे सेवा प्रदाता के साथ जुड़ने की सुविधा देता है।<ref name="इको-२">[http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/5487077.cms दूसरे DTH ऑपरेटर के सेट टॉप बॉक्स से देखिए डिश टीवी]|इकॉनोमिक टाइम्स। २२ जनवरी
== भारत में डीटीएच ==
भारत में डीटीएच ग्राहकों की संख्या अगले दो वर्षों में, यानी २०११ तक दोगुनी होकर ३.२ करोड़ के पार होने की संभावना है। वर्तमान में भारत में डीटीएच ग्राहकों की संख्या १.६ करोड़ है।<ref name="इको">[http://hindi.economictimes.indiatimes.com/articleshow/5264758.cms दो साल में दोगुनी हो जाएगी डीटीएच ग्राहकों की संख्या]। इकॉनोमिक टाइम्स। २४
== संदर्भ ==
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