"लालकोट": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
[[चित्र:Map_Lal_Kot.jpg|right|thumb|200px|लालकोट का दिल्ली के दक्षिण में नक्शा]]
दिल्ली का नाम राजा ढिल्लू के "दिल्हीका"(800 ई.पू.)<ref name="मातृभूमि से">[http://matrbhumi.blogspot.com/ मातृभूमि ब्लॉगस्पॉट]</ref> के नाम से माना गया है, जो मध्यकाल का पहला बसाया हुआ शहर था, जो दक्षिण-पश्चिम सीमा के पास स्थित था।जोथा। जो वर्तमान में [[महरौली]] के पास है।यहहै। यह शहर मध्यकाल के सात शहरों में सबसे पहला था।इसेथा। इसे '''योगिनीपुरा''' के नाम से भी जाना जाता है, जो योगिनी (एक् प्राचीन देवी) के शासन काल में था।
 
लेकिन इसको महत्व तब मिला जब 12वीं शताब्दी मे राजा [[अनंगपाल तोमर]] ने अपना तोमर राजवंश लालकोट<ref name="सात शहर">[http://www.tabor.me.uk/Places/SevenCities/lalkot.htm दिल्ली के सात शहर]</ref> से चलाया, जिसे बाद में [[अजमेर]] के [[चौहान]] राजा ने [[मुहम्मद गोरी]] से जीतकर इसका नाम [[किला राय पिथौरा]] रखा. [[1192]] में जब [[पृथ्वीराज चौहान]] [[मुहम्मद गोरी]] से [[तराएन का युद्ध]] में पराजित हो गये थे, तब गोरी ने अपने एक दास को यहं का शासन संभालने हेतु नियुक्त किया। वह दास [[कुतुबुद्दीन ऐबक]] था, जिसने [[1206]] से [[दिल्ली सल्तनत]] में [[दास वंश]] का आरम्भ किया।