"पर्ल": अवतरणों में अंतर
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सन १९९३ मे पर्ल ४ को कई रखरखाव विज्ञप्ति से गुज़रना पडा। इस दौरान वाऑल ने पर्ल ४ को छोडकर पर्ल ५ पर काम करना शुरु किया। इसका डिज़ाइन सन १९९४ तक तैयार किया गया। उसको इस तरह बनाया गया कि वह हर मंच पर चल सके। इसलिए पर्ल ४ को पर्ल ५ का प्राथमिक, रखरखाव, बंदरगाह आवश्यकता माना जाता है। पर्ल ५.००० को १७ अक्टूबर १९९४ को जारी किया गया। वह दुभाषिया का फिर से लिखने के और नई सुविधाओ के जोडने के बराबर था। महत्वपूर्ण बात यह थी कि भाषा बढाने के लिए तंत्र बशर्ते थे। इस कारण मूल दुभाषिया को स्थिर बनने का मौका मिला। उन दिनो से पर्ल ५ सक्रिय विकसित हो रहा है।
पर्ल ५.००१ को १३ मार्च १९९५ को जारी किया गया। पर्ल ५.००२ को २९
==२०००-वर्तमान ==
पर्ल ५.६ को २२ मार्च २००० को जारी किया गया। इसमे बडा परिवर्तन स्ट्रिंग प्रतिनिधित्व और बड़े फाइल समर्थन थे। इसको विकसित करते समय यह निर्णय लिया गया कि वह खुला स्रोत परियोजना रखा जाए। सन २००० मे वाऑल ने सुझाव दिए, जिसमे पर्ल ६ के निर्माण मे मार्गदर्शक बने। सन २००१ मे इस पर काम शुरु किया गया और औपचारिक प्रलेखन बनाया गया। अस्तित्व में, पर्ल 6 एक भाषा का वर्णन के रूप मे रह गया। पर्ल ५.८ को १८ जुलाई २००२ को जारी किया गया। इस भाग मे सारे अद्यतन को जोडा गया। इसमे नई कार्यान्वयन, सांख्यिक सटीकता आदि को जोडा गया। यह भाग अभी तक (२०१३) का सबसे लोकप्रिय भाग रहा है। सन २००४
१२ अप्रैल २०१० को पर्ल ५.१२.०, १४ मई २०११ को पर्ल ५.१४, २० मई २०१२ को पर्ल ५.१६, १८ मई २०१३, पर्ल ५.१८ को जारी किया गया था। इन सब भागो मे नए तरीखे, नए कार्यान्वयन और नए अद्यतन का परिचय दिया गया है।
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