"विश्वनाथ प्रसाद मिश्र": अवतरणों में अंतर

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छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया।
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१-वाङ्मय विमर्श
 
२-हिन्दी साहित्य का अतीत, भाग-१ तथा २
 
३-हिन्दी का सामयिक साहित्य
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आचार्य मिश्र के कर्तृत्व का सर्वोच्च शिखर पाठ-सम्पादन के क्षेत्र में है।उन्होंनेहै। उन्होंने रीतिकालीन आकर ग्रन्थों के पाठ का निर्धारण करने के साथ-साथ रामचरित मानस के सुप्रसिद्ध 'काशिराज संस्करण' का पाठ-सम्पादन किया। हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय उनके अवदान पर 'आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र के प्रदेय का अनुशीलन : पाठ-सम्पादन का विशेष सन्दर्भ'विषयक शोध-कार्य करा रहा है।
 
मिश्रजी ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग तथा काशी नागरी प्रचारिणी सभा जैसी संस्थाओं से आजीवन संबद्ध रहकर हिन्दी की जो सेवा की उससे हिन्दी-जगत् सदैव लभान्वित होता रहेगा।