"प्रतिलिप्यधिकार अधिनियम": अवतरणों में अंतर

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== यूनेस्को समझौता ==
इतने समझौतों और करारों के कारण स्थिति इतनी पेचीदी हो गई थी कि कोई सर्वमान्य विश्वव्यापी समझौता आवश्यक हो गया था। फलत: राष्ट्रसंघ की संबद्ध संस्था यूनेस्को (शिक्षा-विज्ञान-संस्कृति-संघटन) ने मामले को अपने हाथ में लिया और 1949 में यह निश्चय किया गया कि संस्था इस प्रश्न का तत्काल समाधान निकाले। अंत में इसने विश्वव्यापी प्रतिलिप्यधिकार समझौता तैयार किया जो 6 सितंबर, 1952 से चार मास तक सदस्य देशों द्वारा समझौते के लिये खुला रहा। इस अवधि में 40 देशों ने इसपर हस्ताक्षर किए। यह भी व्यवस्था रखी गई कि इस अवधि के बाद भी इसका सदस्य होने में किसी प्रकार की बाधा नहीं है। हस्ताक्षरकर्ता 40 देश ये हैं :
 
अंडोरा, अर्जेटाइना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेलजियम, ब्राजील, कनाडा, चिली, क्यूबा, डेनमार्क, एल सालवाडोर, फिनलैंड, फ्रांस, संघीय जर्मन गणराज्य (पश्चिमी जर्मनी), ग्वाटीमाला रेटी, पोपनगर, होंडुराज, भारत, आयरलैंड, इसराइल, इटली, जापान, लाइबेरिया, लक्सेंबर्ग, मेक्सिको, मोनैको, निकारागुआ, नीदरलैंड, नॉरवे, पेरू, पुर्तगाल, सांतामेरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, ब्रिटेन, अमरीका, उरुग्वे और यूगास्लाविया। समझौता 16 सितंबर, 1955 से लागू हुआ।
 
इस समझौते की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं :