"व्यावहारिक गणित": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी।
छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया।
पंक्ति 1:
[[चित्र:Vehicle Routing Problem Example.svg|right|thumb|300px|वाहन को शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर कम से कम समय में ले जाने के लिए गणित का उपयोग करना पड़ सकता है। इसके लिए सांयोगिक इष्टतमीकरण (combinatorial optimization) तथा पूर्णांक प्रोग्रामन (integer programming) का उपयोग करना पड़ सकता है।]]
'''व्यावहारिक गणित''' (अनुप्रयुक्त गणित या प्रायोगिक गणित), [[गणित]] की वह शाखा है जो ज्ञान की अन्य विधाओं की समस्याओं को गणित के जुगाड़ों (तकनीकों) के प्रयोग से हल करने से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहास दृष्टि से देखें तो भौतिक विज्ञानों (physical sciences) की आवश्यकताओं ने गणित की विभिन्न शाखाओं के विकास में महती भूमिका निभायी। उदाहरण के लिये [[तरल यांत्रिकी]] में गणित का उपयोग करने से एक हल्का एवं कम ऊर्जा से की खपत करने वाला [[वायुयान]] की डिजाइन की जा सकती है।
 
बहुत पुरातन काल से ही विषयों में गणित सर्वाधिक उपयोगी रहा है। यूनानी लोग गणित को न केवल संख्याओं और दिक् (स्पेस) का बल्कि [[खगोलविज्ञान]] और [[संगीत]] का भी अध्ययन मानते थे।