"फ्रांसिस ज़ेवियर": अवतरणों में अंतर

छो Bot: Migrating 51 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q163900 (translate me)
छो बॉट: दिनांक लिप्यंतरण और अल्पविराम का अनावश्यक प्रयोग हटाया।
पंक्ति 8:
|caption= सेंट फ़्रांसिस ज़ेवियर सोसायटीऒ ऑफ जीज़ेज़ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे, जिन्हें जेसूट्स कहा जाता है।
|titles= अपोसल्स टू द फ़ार ईस्ट
|beatified_date= २५ अक्तूबर,अक्टूबर १६१९
|beatified_place=
|beatified_by=पॉल पंचम
|canonized_date= १२३ मार्च, १६२२
|canonized_place=
|canonized_by= ग्रेगोरी पंचदश
पंक्ति 18:
|issues=
}}
'''फ्रांसिस ज़ेवियर''' का जन्म [[7 अप्रैल]], [[1506]] ई. को [[स्पेन]] में हुआ था। [[पुर्तगाल]] के राजा जॉन तृतीय तथा [[पोप]] की सहायता से वे जेसुइट मिशनरी बनाकर 7 अप्रैल, 1541 ई को भारत भेजे गए और 6 मार्च, 1542 ई. को [[गोवा]] पहुँचे जो पुर्तगाल के राजा के अधिकार में था। गोवा में मिशनरी कार्य करने के बाद वे [[मद्रास]] तथा [[त्रावणकोर]] गए। यहाँ मिशनरी कार्य करने के उपरांत वे 1545 ई. में [[मलाया]] प्रायद्वीप में ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए रवना हो गए। उन्होंने तीन वर्ष तक धर्म प्रचारक (मिशनरी) कार्य किया। मलाया प्रायद्वीप में एक [[जापानी]] युवक से जिसका नाम हंजीरो था, उनकी मुलाकात हुई। सेंट जेवियर के उपदेश से यह युवक प्रभावित हुआ। 1549 ई. में सेंट ज़ेवियर इस युवक के साथ पहुँचे। जापानी भाषा न जानते हुए भी उन्होंने हंजीरों की सहायता से ढाई वर्ष तक प्रचार किया और बहुतों की खिष्टीय धर्म का अनुयायी बनाया।
 
जापान से वे 1552 ई. में गोवा लौटे और कुछ समय के उपरांत [[चीन]] पहुँचे। वहाँ दक्षिणी पूर्वी भाग के एक द्वीप में जो [[मकाओ]] के समीप है बुखार के कारण उनकी मृत्यु हो गई। मिशनरी समाज उनको काफी महत्व का स्थान देता और उन्हें आदर तथा सम्मान का पात्र समझता, है क्योंकि वे भक्तिभावपूर्ण और धार्मिक प्रवृत्ति के मनुष्य थे। वे सच्चे मिशनरी थे। संत जेवियर ने केवल दस वर्ष के अल्प मिशनरी समय में 52 भिन्न भिन्न राज्यों में [[ईसा मसीह|यीशु मसीह]] का प्रचार किया। कहा जाता है, उन्होंने नौ हजार मील के क्षेत्र में घूम घूमकर प्रचार किया और लाखों लोगों को यीशु मसीह का शिष्य बनाया।
पंक्ति 27:
| ALTERNATIVE NAMES =
| SHORT DESCRIPTION =
| DATE OF BIRTH = 7 Aprilअप्रैल 1506
| PLACE OF BIRTH =
| DATE OF DEATH = 3 Decemberदिसम्बर 1552
| PLACE OF DEATH =
}}