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[[चित्र:Singchair.jpg|thumb|ओल्ड स्पार्की, [[सिंग सिंग]] कारागार में प्रयुक्त बिजली की कुर्सी]]
'''बिजली की कुर्सी''', या '''वैद्युतासन''' एक युक्ति है जिसका उपयोग किसी अपराधी को बिजली द्वारा मृत्युदंड देने में किया जाता है। इस युक्ति का अविष्कार [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में थॉमस एडीसन के कर्मचारियों द्वारा किया गया था। इसके प्रयोग में मृत्युदंड पाने वाले व्यकि को व्यक्ति को एक विशेष रूप से निर्मित लकड़ी की कुर्सी पर बाँध कर उसके शरीर से इलेक्ट्रोड के माध्यम से बिजली प्रवाहित की जाती है। इसका उपयोग आज तक केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और [[फिलीपींस]] में किया गया है। फिलीपींस में इसका पहला प्रयोग 1924 में किया गया था जब वो अमेरिकी कब्जे में था, जबकि इसका अंतिम उपयोग 1976 में किया गया था।<ref name="amnesty">{{Cite web| url = http://www.amnesty.org/en/library/info/ASA35/009/1997 | title = Philippines: The Death Penalty: Criminality, Justice and Human Rights | date = 30 Septemberसितंबर 1997 | publisher = Amnesty International | accessdate = 2010-09-07 }}</ref>
 
ऐतिहासिक रूप से, बिजली की कुर्सी के उपयोग में एक बार जब अपराधी व्यक्ति को कुर्सी से बाँध देते थे, तब इलेक्ट्रोड के माध्यम से उसके शरीर से प्रत्यावर्ती धारा के विभिन्न वोल्टता और अवधि वाले कई चक्र प्रवाहित किये जाते थे, ताकि व्यक्ति के आंतरिक अंगों जिनमें मस्तिष्क भी शामिल है, को घातक नुकसान पहुँचे। बिजली का पहला झटका तत्काल बेहोशी और मस्तिष्क मृत्यु के लिए डिजाइन किया गया था, जबकि दूसरा झटका महत्वपूर्ण अंगों को घातक क्षति पहुँचाने के लिए डिजाइन किया गया था। अक्सर व्यक्ति के हृदय की अत्यधिक वैद्युत उत्तेजना उसकी मौत का कारण बनती है।