"मनमोहन सिंह": अवतरणों में अंतर

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== पद ==
सिंह पहले पंजाब यूनिवर्सिटी और बाद में दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स में प्रोफेसर के पद पर थे। १९७१ में मनमोहन सिंह भारत सरकार की कॉमर्स मिनिस्ट्री में आर्थिक सलाहकार के तौर पर शामिल हुए थे। १९७२ में मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय में चीफ इकॉनॉमिक अडवाइज़र बन गए। अन्य जिन पदों पर वह रहे, वे हैं– वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और [[विश्वविद्यालय अनुदान आयोग]] के अध्यक्ष। मनमोहन सिंह 1991 से राज्यसभा के सदस्य हैं। १९९८ से २००४ में वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। मनमोहन सिंह ने प्रथम बार ७२ वर्ष की उम्र में २२ मई, २००४ से प्रधानमंत्री का कार्यकाल आरम्भ किया, जो अप्रैल २००९ में सफलता के साथ पूर्ण हुआ। इसके पश्चात् लोकसभा के चुनाव हुए और [[भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस]] की अगुवाई वाला [[संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन]] पुन: विजयी हुआ और सिंह दोबारा प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दो बार बाईपास सर्जरी हुई है। दूसरी बार फ़रवरी २००९ में विशेषज्ञ शल्य चिकित्सकों की टीम ने [[अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान]] में इनकी शल्य-चिकित्सा की। प्रधानमंत्री सिंह ने वित्तमंत्री के रूप में पी. चिदम्बरम को अर्थव्यवस्था का दायित्व सौंपा था, जिसे उन्होंने कुशलता के साथ निभाया। लेकिन २००९ की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी का प्रभाव भारत में भी देखने को मिला। परन्तु भारत की बैंकिंग व्यवस्था का आधार मज़बूत होने के कारण उसे उतना नुक़सान नहीं उठाना पड़ा, जितना अमेरिका और अन्य देशों को उठाना पड़ा है। 26 नवम्बर, 2008 को देश की आर्थिक राजधानी [[मुम्बई|मुंबई]] पर [[पाकिस्तान]] द्वारा प्रायोजित आतंकियों ने हमला किया।{{cn|date=जून 2012}} दिल दहला देने वाले उस हमले ने देश को हिलाकर रख दिया था।{{cn|date=जून 2012}} तब सिंह ने [[शिवराज पाटिल]] को हटाकर [[पी. चिदम्बरम]] को [[गृह मंत्रालय, भारत सरकार|गृह मंत्रालय]] की ज़िम्मेदारी सौंपी और [[प्रणव मुखर्जी]] को नया वित्त मंत्री बनाया।
 
=== जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव ===