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[[File:Real pic of Manya Surve.jpg|thumbnail|मनोहर अर्जुन सुर्वे उर्फ़ मन्या सुर्वे का वास्तविक चित्र]]
'''मन्या सुर्वे''' उर्फ़ '''मनोहर अर्जुन सुर्वे''' (1944 – 11 जनवरी 1982) [[मुंबई]] का एक कुख्यात अपराधी था, जिसे जनवरी, 1982 में [[वडाला]] में [[मुंबई पुलिस]] ने एनकाउंटर में मार दिया गया था।<ref name="Bagwan">{{cite web|url=http://www.mid-day.com/news/2009/may/300509-ACP-Isaque-Bagwan-Manya-Surve-police-encounter-terror-metropolis.htm|title=Bagwan dada|publisher=''Mid Day''|date=30
== जीवनी ==
मन्या सुर्वे का असली नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था। चूंकि उसके गैंग के लोग उसे मन्या पुकारते थे, इसलिए पुलिस रिकॉर्ड में भी उसका नाम मन्या सुर्वे ही दर्ज हो गया। वह मुंबई में पैदा नहीं हुआ, पर वह पला , पढ़ा और बड़ा हुआ मुंबई में ही। उसमे मुंबई के कीर्ति कॉलेज से ग्रेजुएशन (बी.ए.) किया और जब वह अपराध की दुनिया में आया, तो उसने अपने साथ पढ़े अपने कुछ दोस्तों को भी अपने गैंग में शामिल कर लिया। मन्या को अपराध की दुनिया में उसका सौतेला भाई भार्गव दादा लाया।<ref name="Surve">{{cite web|url=http://cities.expressindia.com/fullstory.php?newsid=21225|title=City’s first encounter ended two years of urban dacoity|publisher=''The Indian Express''|date=22
तमाम आलोचनाओं के बाद जब पुलिस की नींद खुली , तो मन्या सुर्वे के लोगांें की खोजबीन शुरू हुई। पुलिस ने सबसे पहले उसके साथी शेख मुनीर को जून , 1981 में कल्याण से पकड़ा। दूसरे साथियों दयानंद शेट्टी और काटकर को भी [[गोरेगांव]] से गिरफ्तार किया गया। मन्या सुर्वे इसके बाद भागकर भिवंडी में अपने किसी साथी के यहां छिप गया। जब पुलिस वहां पहुंची , तो वह वहां से भी चंद मिनट पहले भाग लिया , लेकिन जब 11 जनवरी , 1982 को वह वडाला में आंबेडकर कॉलेज के पास स्थित एक ब्यूटी पार्लर में अपनी गर्लफ्रेंड को लेने आया , तो वह तब के पुलिस अधिकारियों इशाक बागवान , राजा तांबट के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
पुलिश सूत्र के अनुसार, उसकी महिला दोस्त विद्या जोशी पर निगाह रखकर ही पुलिस ने उसे 1982 में एक एनकाउंटर में मारा था। मुंबई पुलिस का मुंबई शहर में ये पहला एनकाउंटर बताया जाता है, जिसमें शामिल पुलिस वालों को मान्या सुर्वे को पकड़ने के नहीं बल्कि उसे ढेर कर देने के मौखिक आदेश मिले थे। यही वह पुलिस एनकाउंटर है जिसके बाद अंडरवर्ल्ड को अपने दुश्मनों को खत्म करने का एक नया हथियार मिला । पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि 1982 में मान्या सुर्वे के मारे जाने के बाद 2004 तक मुंबई में ६६२ कथित अपराधी पुलिस की गोलियों का शिकार बने।<ref>{{cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/home/sunday-toi/special-report/Rise-And-Fall-Of-The-Killer-Cops/articleshow/746737.cms|title=Rise And Fall Of The Killer Cops|publisher=''The Times of India''|date=19
== मन्या सुर्वे पर फिल्मे ==
फिल्म '[[अग्निपथ (1990 फ़िल्म)]]' और [[अग्निपथ (2012 फ़िल्म)]] में अमिताभ बच्चन और रितिक रोशन ने जिस विजय दीनानाथ चव्हाण का रोल किया है, वह किरदार किसी और पर नहीं, मन्या सुर्वे पर ही केंद्रित था।<ref>{{cite web|url=http://www.rediff.com/movies/dec/27sat.htm|title=The predator as prey|publisher=Rediff|date=27
संजय गुप्ता द्वारा निर्मित और निर्देशित 2013 की बॉलीवुड क्राइम थ्रिलर फिल्म [[शूटआऊट ऍट वडाला]] मन्या सुर्वे के जीवन पर आधारित हैं, जिसमे [[जॉन अब्राहम]] मन्या सुर्वे की भूमिका में हैं।<ref>[http://www.pressnote.in/Cinema-News_157088.html#.VAzQ10A5HEQ शूट आउट ऐट वडाला" में डॉन का किरदार निभाएंगे जॉन. </ref>
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