"मानवेन्द्रनाथ राय": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अंगराग परिवर्तन |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: दिनांक लिप्यंतरण और अल्पविराम का अनावश्यक प्रयोग हटाया। |
||
पंक्ति 7:
पुलिस आपकी तलाश कर ही रही थी कि आप दक्षिण-पूर्वी एशिया की ओर निकल गए। [[जावा]] [[सुमात्रा]] से अमरीका पहुँच गए और वहाँ आतंकवादी गतिविधि का त्याग कर मार्क्सवादी विचारधारा के समर्थक बन गए। उनके विचारों की यात्रा का आरम्भ [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमरीका]] में [[मार्क्सवाद|मार्क्सवादी विचारधारा]] से हुआ क्योंकि उस समय वे [[लेनिन]] के विचारों से प्रभावित थे। [[मैक्सिकों की क्रांति]] में आपने ऐतिहासिक योगदान किया, जिससे आपकी प्रसिद्धि अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर हो गई। आपके कार्यों से प्रभावित होकर थर्ड इंटरनेशनल में आपको आमंत्रित किया गया था और उन्हें उसके अध्यक्षमंडल में स्थान दिया गया। १९२१ में वे [[मास्को]] के प्राच्य विश्वविद्यालय के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। १९२२ से १९२८ के बीच उन्होंने कई पत्रों का संपादन किया, जिनमें 'वानगार्ड' और 'मासेज़' मुख्य थे। सन् १९२७ ई. में [[चीनी क्रांति]] के समय आपको वहाँ भेजा गया किंतु आपके स्वतंत्र विचारों से वहाँ के नेता सहमत न हो सके और मतभेद उत्पन्न हो गया। रूसी नेता इसपर आपसे क्रुद्ध हो गए और [[स्टालिन]] के राजनीतिक कोप का आपको शिकार बनना पड़ा। विदेशों में आपकी हत्या का कुचक्र चला। [[जर्मनी]] में आपको [[विष]] देने की चेष्टा की गई पर सौभाग्य से आप बच गए।
इधर देश में आपकी क्रांतिकारी गतिविधि के कारण आपकी अनुपस्थिति में [[कानपुर षड्यंत्र]] का मुकदमा चलाया गया। ब्रिटिश सरकार के गुप्तचर आपपर कड़ी नजर रखे हुए थे, फिर भी १९३० में आप गुप्त रूप से [[भारत]] लौटने में सफल हो गए। मुंबई आकर आप डाक्टर महमूद के नाम से राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने लगे। १९३१ में आप गिरफ्तार कर लिए गए। छह वर्षों तक कारावास जीवन बिताने पर २०
== दर्शन एवं चिन्तन ==
|