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'''राधेश्याम रामायण''' की रचना [[राधेश्याम कथावाचक]] ने की थी। इस ग्रन्थ में आठ काण्ड तथा २५ भाग है। इस रामायण में [[श्री राम]] की कथा का वर्णन इतना मनोहारी ढँग से किया गया है कि समस्त राम प्रेमी जब-जब इस रचना का रसपान करते है तब-तब वे इसके प्रणेता के प्रति अपना आभार व्यक्त करते है।
 
[[हिन्दी]], [[उर्दू]], [[अवधी]] और [[ब्रजभाषा]] के आम शब्दों के अलावा एक विशेष गायन शैली में रचित राधेश्याम रामायण गाँव, कस्बा और शहरी क्षेत्र के धार्मिक लोगों में इतनी लोकप्रिय हुई कि राधेश्याम कथावाचक के जीवनकाल में ही इस ग्रन्थ की हिन्दी व उर्दू में पौने दो करोड़ से अधिक प्रतियाँ छपीं और बिकीं।<ref>[http://dainiktribuneonline.com/2012/11/%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A4%95-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE/ शीर्ष कथावाचक और रंगकर्मी पंडित राधेश्याम] 24 नवम्बर 2012 [[दैनिक ट्रिब्यून]], अभिगमन तिथि: 26 दिसम्बर, 2013</ref>
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://dainiktribuneonline.com/2012/11/%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B7-%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%9A%E0%A4%95-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AE/ शीर्ष कथावाचक और रंगकर्मी पंडित राधेश्याम] 24 नवम्बर 2012 [[दैनिक ट्रिब्यून]], अभिगमन तिथि: 26 दिसम्बर, 2013
* [http://pustak.org/home.php?bookid=4671 राधेश्याम रामायण] - इस कृति के विषय में आवश्यक जानकारी [[भारतीय साहित्य संग्रह]] में
* [http://www.worldcat.org/title/radhesyama-ramayana-sampurana-25-bhaga/oclc/652123372&referer=brief_results '''राधेश्याम रामायण''' (सम्पूर्ण 25 भाग)] - विश्व पुस्तक सूची में