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[[चित्र:Earthquake severity.jpg|thumb|left|300px||भूकंप की तीव्रता का सीधा अनुपात-रिक्टर पैमाना]]
अभी तक भूकंप की तीव्रता की अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। रिक्टर स्केल पर ७.० या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से कहीं अधिक खतरनाक माना जाता है। इसी पैमाने पर २.० या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता हैं, जो सामान्यतय़ा महसूस नहीं होते। ४.५ की तीव्रता वाले भूकंप घरों और अन्य रचना को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं। रिक्टर पैमाने का विकास [[१९३५]] में [[कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी]] के [[चार्ल्स रिक्टर]] और [[बेनो गुटेनबर्ग]] ने मिलकर किया था। अब तक का सबसे बड़ा भूकंप [[२२ मई]] [[१९६०]] को [[ग्रेट चिली]] में आया था। इसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ९.५ दर्ज की गई थी। [[२१ सितंबर]], [[२००९]] को [[हिमालय क्षेत्र]] में आए भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता ६.३ मापी गई। इस भूकंप का केंद्र [[गुवाहाटी]] से उत्तर दिशा में १२५ [[किलोमीटर]] दूर मोगार में जमीन के भीतर ७.२ किलोमीटर पर केंद्रित था। [[हैती]] में [[१२ जनवरी]], [[२०१०]] को [[हैती भूकंप २०१०|आए भूकंप]] की तीव्रता रिक्टर स्केल पर ७.८ मापी गई थी।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-91259.html रिक्टर स्केल ]। हिन्दुस्तान लाइव। १५ जनवरी, २०१०</ref>
 
== रिक्टर परिमाण ==