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|caption= गुजरात में लोथल की अवस्थिति}}
[[चित्र:Lothal.jpg|thumb|right|300px|लोथल]]
'''लोथल''' ([[गुजराती]]: લોથલ), प्राचीन [[सिंधु घाटी सभ्यता]] के शहरों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है। लगभग 2400 ईसापूर्व पुराना यह शहर [[भारत]] के राज्य [[गुजरात]] के [[भाल प्रदेश|भाल क्षेत्र]] में स्थित है और इसकी खोज सन 1954 में हुई थी। [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]] ने इस शहर की खुदाई 13 फरवरीफ़रवरी 1955 से लेकर 19 मई 1956 के मध्य की थी। लोथल, [[अहमदाबाद जिला|अहमदाबाद जिले]] के ढोलका [[तहसील|तालुका]] के गाँव [[सरागवाला]] के निकट स्थित है। [[अहमदाबाद]]-[[भावनगर]] रेलवे लाइन के स्टेशन '''लोथल भुरखी''' से यह दक्षिण पूर्व दिशा में 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोथल अहमदाबाद, [[राजकोट]], भावनगर और [[ढोलका]] शहरों से पक्की सड़क द्वारा जुड़ा है जिनमें से सबसे करीबी शहर ढोलका और [[बगोदरा]] हैं।
 
लोथल गोदी जो कि विश्व की प्राचीनतम ज्ञात [[गोदी]] है, [[सिंध]] में स्थित [[हड़प्पा]] के शहरों और [[सौराष्ट्र]] [[प्रायद्वीप]] के बीच बहने वाली [[साबरमती नदी]] की प्राचीन धारा के द्वारा शहर से जुड़ी थी, जो इन स्थानों के मध्य एक व्यापार मार्ग था। उस समय इसके आसपास का [[कच्छ]] का [[मरुस्थल]], [[अरब सागर]] का एक हिस्सा था। प्राचीन समय में यह एक महत्वपूर्ण और संपन्न व्यापार केंद्र था जहाँ से [[मोती]], जवाहरात और कीमती गहने [[एशिया|पश्चिम एशिया]] और [[अफ्रीका]] के सुदूर कोनों तक भेजे जाते थे। मनकों को बनाने की तकनीक और उपकरणों का समुचित विकास हो चुका था और यहाँ का धातु विज्ञान पिछले 4000 साल से भी अधिक से समय की कसौटी पर खरा उतरा था।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/लोथल" से प्राप्त