"होम्योपैथी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: कोष्टक () की स्थिति सुधारी। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: विराम चिह्नों के बाद खाली स्थान का प्रयोग किया। |
||
पंक्ति 17:
=== औषधि की न्यून मात्रा (The Minimum dose) ===
सदृश विज्ञान के आधार पर रोगी की चयन की गई औषधि की मात्रा अति नयून होनी चाहिये ताकि दवा के दुष्परिणाम न दिखें। प्रथमत: यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को सफ़ल करने मे घटक का काम करता
=== व्यक्तिपरक और संपूर्ण चिकित्सा (Individualization & Totality of Symptoms) ===
पंक्ति 44:
क) '''डेसीमल स्केल''' मे दवा के एक भाग को vehicle (शुगर आग मिल्क या अल्कोहल) के नौ भाग में मिलाकर triturate या succussion की प्रक्रिया की जाती है। इनसे बनने वाली औषधि की स्केल को "x" शब्द से जाना जाता है जैसे काली फ़ास 6x, एकोनाइट 3x इत्यादि। अधिकाँशतयः ठोस औषधियों में प्रयुक्त की जाने वाली इस इस स्केल में 1x बनाने के लिये दवा का एक भाग और दुग्ध-शर्करा का ९ भाग लेते हैं, तरल औषधियों में 1x बनाने हेतु एक भाग मूलार्क और ९ भाग अल्कोहल का प्रयोग होता है। इससे आगे 2x के लिये 1x का एक भाग और ९ भाग दुग्ध शर्करा अथवा अल्कोहल का लेते हैं ; ऐसे ही आगे कई पोटेन्सी बनाने के लिये पिछली पोटेन्सी का एक भाग लेते हुये आगे की पावर को बढाते हैं।
ख) '''सेन्टीसमल स्केल''' मे दवा के एक भाग को vehicle (अल्कोहल) के ९९ भाग से सक्कशन किया जाता है। इनकी इनसे बनने वाली औषधियों को दवा की शक्ति "c" से जाना जाता है। जैसे ३०c, २००c, १०००c आदि। सक्कशन सिर्फ़ दवा के मूल अर्क को अल्कोहल में मिलाना भर नही है बल्कि उसे सक्कशन (एक निशचित विधि से स्ट्रोक देना) करना है। आजकल सक्कशन के लिये स्वचालित मशीन का प्रयोग किया जाता है जब कि पुराने समय मे यह स्वयं ही हाथ से बनानी होती थी। पहली पोटेन्सी बनाने के लिये दवा के मूल अर्क का एक हिस्सा और ९९ भाग अल्कोहल लिया जाता है,
होम्योपैथी के विरोध के कारणॊं मे एक प्रमुख कारण होम्योपैथिक औषधियों की न्यून मात्रा भी है।
|