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[[चित्र:Common law world.png|thumb|230px|विश्व में साधारण कानून प्रणालियों वाले देश]]
'''साधारण कानून''' ऐसे [[कानून]] को बोला जाता है जो संसदीय और विधान सभाओं में बनने के बजाए न्यायाधीशों द्वारा अदालतों में फ़ैसले सुना कर बनाया जाता है। साधारण कानून के अनुसार चलने वाली न्यायिक प्रणालियों में न्यायालयों में लड़े जा रहे मुक़द्दमों में अदालत उस से मिलते-जुलते पहले लड़े गए मुक़द्दमों के निर्णयों को ध्यान में रखती है और उनके अनुसार फ़ैसला सुनती है।<ref>[http://www.wa-probate.com/Intro/Estate-Probate-Glossary.htm "Estate Planning & Probate Glossary"], ''Washington (State) Probate'', s.v. "common law", retrieved 7 Novemberनवम्बर 2009.</ref> भूतकाल में सुनाए गए सभी न्यायिक फ़ैसले मिलकर साधारण कानून बनाते हैं। जब भी कोई नया मसला किसी न्यायलय में सुनवाई के लिए आता है तो न्यायाधीश तय करते हैं कि ऐसा प्रश्न पहले देखा गया है कि नहीं। अगर देखा गया है, तो अदालत पर अनिवार्य है कि उस से मिलता-जुलता फ़ैसला सुनाए। अगर नहीं देखा गया है, तो इसमें सुनाया गया निर्णय आने वाले ऐसे मामलों के लिए भी निर्णायक कानून का रूप धारण कर लेता है।
 
साधारण कानून प्रणालियाँ पहले [[ब्रिटेन]] में मध्यकाल में उत्पन्न हुई, लेकिन फिर भूतपूर्व [[ब्रिटिश साम्राज्य]] में सम्मिलित बहुत से देशों में फैल गई। आधुनिक युग में [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]], [[भारत]], [[मलेशिया]], [[सिंगापुर]], [[पाकिस्तान]], [[श्रीलंका]], [[कनाडा]], [[ऑस्ट्रेलिया]], [[दक्षिण अफ़्रीका]], [[आयरलैंड]], [[न्यु ज़ीलैंड]], [[घाना]] और [[बांग्लादेश]] में साधारण कानून व्यवस्था का प्रयोग होता है।