"सूर्य": अवतरणों में अंतर
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|url= http://www.bbc.co.uk/hindi/news/story/2006/10/061007_askus_sun_earth.shtml
|title= सूर्य और पृथ्वी के बीच फ़ासला
|accessdate=९
|publisher=''[[बीबीसी हिंदी]]''}}</ref> [[ऊर्जा]] का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। [[परमाणु विलय]] की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं।<ref>{{cite web
|url= http://www.bbc.co.uk/hindi/news/story/2007/04/070425_askus_sun_energy.shtml
|title= सूर्य इतनी गर्मी कहाँ से पाता है?
|accessdate=९
|publisher=''बीबीसी हिंदी''}}</ref> इसकी मजबूत [[गुरुत्वाकर्षण]] शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है।
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|url= http://www.abhivyakti-hindi.org/phulwari/jaankari/sitaronkiduniya/sooraj.htm
|title= सूरज
|accessdate=९
|publisher=''अभिव्यक्ति''}}</ref> इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है।
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}}</ref> इसका मतलब है कि इसका ध्रुवीय व्यास इसके भूमध्यरेखीय व्यास से केवल 10 किमी से अलग है।<ref name="perfect sphere">{{cite web
|url=http://www.guardian.co.uk/science/2012/aug/16/sun-perfect-sphere-nature
|title=Sun is the most perfect sphere ever observed in nature | publisher=the Guardian | date=16
|author=Jones, Geraint}}</ref> जैसा कि सूर्य [[प्लाज़्मा (भौतिकी) | प्लाज्मा]] का बना हैं और ठोस नहीं है, यह अपने [[ध्रुवों]] पर की अपेक्षा अपनी [[भूमध्य रेखा]] पर ज्यादा तेजी से घूमता है। यह व्यवहार [[सौर घूर्णन | अंतरीय घूर्णन]] के रूप में जाना जाता है और सूर्य के [[संवहन]] एवं कोर से बाहर की ओर अत्यधिक [[तापमान ढलान]] के कारण पदार्थ की आवाजाही की वजह से हुआ है। यह सूर्य के वामावर्त [[कोणीय संवेग]] के एक बड़े हिस्से का वहन करती है, जैसा क्रांतिवृत्त के उत्तरी ध्रुव से देखा गया और इस प्रकार कोणीय वेग पुनर्वितरित होता है। इस ''वास्तविक घूर्णन'' की अवधि भूमध्य रेखा पर लगभग 25.6 दिन और ध्रुवों में 33.5 दिन की होती है। हालांकि, सूर्य की परिक्रमा के साथ ही पृथ्वी के सापेक्ष हमारी लगातार बदलती स्थिति के कारण इस तारे का अपनी भूमध्य रेखा पर '' स्पष्ट घूर्णन'' करीबन 28 दिनों का है।<ref name=Phillips1995-78>{{Cite book|last=Phillips|first=Kenneth J. H.|title=Guide to the Sun|year=1995|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-39788-9|pages=78–79}}</ref> इस धीमी गति के घूर्णन का केन्द्रापसारक प्रभाव सूर्य की भूमध्य रेखा पर के सतही गुरुत्वाकर्षण से 1.8 करोड़ गुना कमजोर है। ग्रहों के ज्वारीय प्रभाव भी कमजोर है और सूर्य के आकार को खास प्रभावित नहीं करते है।<ref name=Schutz2003>{{Cite book|last=Schutz|first=Bernard F.|title=Gravity from the ground up|year=2003|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-45506-0|pages=98–99}}</ref>
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|authorlink=Basu et al.
|display-authors=1
|arxiv = 0905.0651 }}</ref><ref name=NASA1>{{cite web|url=http://solarscience.msfc.nasa.gov/interior.shtml |title=NASA/Marshall Solar Physics |publisher=Solarscience.msfc.nasa.gov |date=2007-01-18 |accessdate=2009-07-11}}</ref> (पानी के घनत्व का लगभग 150 गुना) और तापमान 15.7 करोड़ केल्विन के करीब का है।<ref name=NASA1/> इसके विपरीत, सूर्य की सतह का तापमान लगभग 5,800 केल्विन है। [[सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) | सोहो]] मिशन डेटा के हाल के विश्लेषण विकिरण क्षेत्र के बाकी हिस्सों की तुलना में कोर के तेज घूर्णन दर का पक्ष लेते है।<ref name="Garcia2007"/> सूर्य के अधिकांश जीवन में, ऊर्जा [[p–p (प्रोटॉन-प्रोटॉन) श्रृंखला]]<sup>[[:en:Proton–proton chain reaction|En]]</sup> कहलाने वाली एक चरणबद्ध श्रृंखला के माध्यम से [[नाभिकीय संलयन]] द्वारा उत्पादित हुई है; यह प्रक्रिया [[हाइड्रोजन]] को [[हीलियम]] में रुपांतरित करती है।<ref>{{Cite journal|last=Broggini|first=Carlo|date=26–28
सूर्य में कोर अकेला ऐसा क्षेत्र है जो संलयन के माध्यम से तापीय ऊर्जा की एक बड़ी राशि का उत्पादन करता है; 99% शक्ति सूर्य की त्रिज्या के 24% के भीतर उत्पन्न हुई है, तथा त्रिज्या के 30% द्वारा संलयन लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस तारे का शेष उस उर्जा द्वारा तप्त हुआ है जो कोर से लेकर संवहनी परतों के ठीक बाहर तक विकिरण द्वारा बाहर की ओर स्थानांतरित हुई है। कोर में संलयन द्वारा उत्पादित ऊर्जा को फिर उत्तरोत्तर कई परतों से होकर सौर प्रभामंडल तक यात्रा करनी होती है इसके पहले कि वह सूर्य प्रकाश अथवा कणों की [[गतिज ऊर्जा]] के रूप में अंतरिक्ष में पलायन करती है।<ref name=Zirker2002-15>{{Cite book|last=Zirker|first=Jack B.|title=Journey from the Center of the Sun|year=2002|publisher=[[Princeton University Press]]|isbn=978-0-691-05781-1|pages=15–34}}</ref><ref name=Phillips1995-47>{{Cite book|last=Phillips|first=Kenneth J. H.|title=Guide to the Sun|year=1995|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-39788-9|pages=47–53}}</ref>
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=== सौर अंतरिक्ष मिशन ===
{{see also|सौर वेधशाला}}
[[File:Sunspots and Solar Flares.jpg|thumb|13 मार्च
<!-- Deleted image removed: [[File:I screenimage 30579.jpg|thumb|right|Solar "[[Coronal mass ejection|fireworks]]" in sequence as recorded in November 2000 by four instruments on board the [[Solar and heliospheric observatory|SOHO]] spacecraft {{Deletable image-caption|date=May 2012}}]] -->
[[File:Moon transit of sun large.ogg|thumb|left|[[स्टीरियो]] बी के अल्ट्रावायलेट इमेजिंग कैमरे की जांच के दौरान कैद हुआ सूर्य का एक चंद्र पारगमन<ref>{{cite web
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