"हैली धूमकेतु": अवतरणों में अंतर

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| discovery_date=1758 (first ''predicted'' perihelion)
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| epoch=2449400.5<br />(17 Februaryफ़रवरी 1994)
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| perihelion=0.586 AU<br />last perihelion: 9 Februaryफ़रवरी 1986<br />next perihelion: 28 Julyजुलाई 2061<ref name=horizons/>
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| escape_velocity = ~{{v2|0.00000022|5.5}} [[Metre per second|km/s]]
| albedo= 0.04<ref name=dark>{{Cite web
|date=29 Novemberनवम्बर 2001
|title=Comet Borrelly Puzzle: Darkest Object in the Solar System
|publisher=Space.com
|author=R. R. Britt
|url=http://www.space.com/scienceastronomy/solarsystem/borrelly_dark_011129.html
|accessdate=16 Decemberदिसम्बर 2008|archiveurl=http://web.archive.org/web/20011130041644/http://www.space.com/scienceastronomy/solarsystem/borrelly_dark_011129.html|archivedate=30 Novemberनवम्बर 2001}} {{Dead link|date=April 2012|bot=H3llBot}}</ref>
|sidereal_day = 2.2 d (52.8 h) (?)<ref name=Peale1989>{{Cite journal
|author= S. J. Peale, J. J. Lissauer
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सन् १६८७ में [[सर आइजैक न्यूटन]] ने अपनी ' [[प्रिन्सिपिया]] ' प्रकाशित की, जिसमें उन्होंने [[गुरुत्व]] और [[गति]] के अपने नियमों को रेखांकित किया। धूमकेतु पर उनका काम निश्चित रूप से अधूरा था हालांकि उन्हें शंका थी कि सन् १६८० और १६८१ में पहले दिखने वाला और सूर्य के पीछे से गुजर जाने के बाद दिखाई देने वाला धुमकेतू एक ही था। उनकी यह धारणा बाद में सही पायी गई थी। वें अपने मॉडल में धूमकेतुओं का सामंजस्य करने में पूरी तरह से असमर्थ थे। आखिरकार न्यूटन के मित्र, संपादक और प्रकाशक [[एडमंड हैली]] ने सन् १७०५ में अपनी 'Synopsis of the Astronomy of Comets, ' में धूमकेतु की कक्षाओं पर [[बृहस्पति]] और [[शनि]] के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव की गणना के लिए न्यूटन के नए नियमों का उपयोग किया। इस गणना ने उन्हें इस योग्य बनाया कि वें ऐतिहासिक रिकार्डो की जांच कर [[कक्षीय तत्वों]] का निर्धारण कर सकें। उन्होंने पाया कि सन् १६८२ में दिखाई देने वाला दूसरा धुमकेतू करीब-करीब वहीँ दो धुमकेतू है जो आज से पहले सन् १५३१ ([[पेट्रस एपियानस]] द्वारा अवलोकित) और सन् १६०७ ([[योहानेस केप्लर]] द्वारा अवलोकित) में दिखाई दिए थे। इस प्रकार हैली ने निष्कर्ष निकाला कि तीनों धुमकेतू वास्तव में एक ही है जो प्रत्येक ७६ वर्ष में वापस लौटते है। इस अवधि को बाद में संशोधित कर प्रत्येक ७५-७६ वर्ष कर दिया गया। धूमकेतुओं पर पड़ने वाले [[ग्रह|ग्रहों]] के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को ध्यान में रखते हुए एक मोटे अनुमान के बाद भविष्यवाणी की गई कि हैली सन् १७५८ में फिर से वापसी करेगा।
 
हैली धूमकेतु वापसी की भविष्यवाणी सही साबित हुई। इसे २५ दिसंबरदिसम्बर सन् १७५८ में एक जर्मन किसान और शौकिया खगोल विज्ञानी [[जोहान जॉर्ज पेलिज्स्क]] द्वारा देखा गया था। खुद हैली अपने जीवनकाल में इस धूमकेतु की वापसी नहीं देख पाए थे क्योंकि सन् १७४२ में उनकी मृत्यु हो गई.थी। इस धुमकेतू वापसी की पुष्टि ने पहली बार यह दिखाया कि ग्रहों के अलावा भी अन्य निकायों का अस्तित्व है जों सूर्य की [[परिक्रमा]] करतें है। यह वापसी पूर्व [[न्यूटोनियन भौतिकी]] का एक सफल परीक्षण था और साथ ही उसकी व्याख्यात्मक शक्ति का एक स्पष्ट प्रदर्शन भी था। इस धुमकेतू का नामकरण हैली के सम्मान में सर्वप्रथम फ्रेंच खगोलविद [[निकोलस लुई डी लासेले]] द्वारा सन् १७५९ में किया गया था।
 
== कक्षा और उत्पत्ति ==
पंक्ति 72:
* 1P/141 F1, 141 (22 मार्च 141)
* 1P/218 H1, 218 (17 मई 218)
* 1P/295 J1, 295 (20 अप्रेलअप्रैल 295)
* 1P/374 E1, 374 (16 फरवरीफ़रवरी 374)
* 1P/451 L1, 451 (28 जून 451)
* 1P/530 Q1, 530 (27 सितंबर 530)
पंक्ति 79:
* 1P/684 R1, 684 (2 अक्टूबर 684)
* 1P/760 K1, 760 (20 मई 760)
* 1P/837 F1, 837 (28 फरवरीफ़रवरी 837)
* 1P/912 J1, 912 (18 जुलाई 912)
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* 1P/989 N1, 989 (5 सितंबर 989)
* 1P/1066 G1, 1066 (20 मार्च 1066)
* 1P/1145 G1, 1145 (18 अप्रेलअप्रैल 1145)
* 1P/1222 R1, 1222 (28 सितंबर 1222)
* 1P/1301 R1, 1301 (25 अक्टूबर 1301)
पंक्ति 94:
* 1P/1758 Y1, 1759 I (13 मार्च 1759, हैली के होने की संभावना)
* 1P/1835 P1, 1835 III (16 नवम्बर 1835)
* 1P/1909 R1, 1910 II, 1909c (20 अप्रेलअप्रैल 1910)
* 1P/1982 U1, 1986 III, 1982i (9 फरवरीफ़रवरी 1986)
* अगला संभावित दर्शन 28 जुलाई [[2060s#2061|2061]]
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