"राम लीला": अवतरणों में अंतर
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रामलीला की सफलता उसका संचालन करनेवाले व्यास सूत्राघार पर निर्भर करती है, क्योंकि वह संवादों की गत्यात्मकता तथा अभिनेताओं को निर्देश देता है। साथ ही रंगमंचीय व्यवस्था पर भी पूरा ध्यान रखता है। रामलीला के प्रांरभ में एक निश्चित विधि स्वीकृत है। स्थान-काल-भेद के कारण विधियों में अंतर लक्षित होता है। कहीं भगवान के मुकुटों के पूजन से तो कहीं अन्य विधान से होता है। इसमें एक ओर पात्रों द्वारा रूप और अवस्थाओं का प्रस्तुतीकरण होता है, दूसरी ओर समवेत स्वर में मानस का परायण नारद-बानी-शैली में होता चलता है। लीला के अंत में आरती होती है।
[[काशी]] में [[शूर्पणखा]] की नाक काटे जाने के बाद खर-दूषण की सेना का जो जुलूस निकलता है उसमें जगमग करते हुए विमान तथा तरह-तरह की लागें निकलती हैं जिनमें धार्मिक, सामाजिक दृश्यों, घटनाओं की मनोरम झाकियाँ रहती हैं। साथ में काली का वेश धारण किए हुए पुरुषों का तलवार संचालन, पैतरेवाजी, शस्त्रकौशल आदि देखने लायक होता है।
रामलीला में [[नृत्य]], [[संगीत]] की प्रधानता नहीं होती क्योंकि चरितनायक गंभीर, वीर, धीर, शालीन एवं मर्यादाप्रिय पुरुषोत्तम हैं। परिणामस्वरूप वातावरण में विशेष प्रकार की गंभीरता विराजती रहती है। इस लीला की पहले मंडली नहीं होती थी अब कुछ पेशेवर लोग मंडलियाँ बनाकर लीलाभिनय से अर्थोपार्जन करते हैं। भारत के [[ग्वालियर]], [[जयपुर]], [[इलाहाबाद]] आदि नगरों में इसका मूक अभिनय (dumbshows) होता है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश
दर्शकों को अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। रामलीला देखने से [[भारतेंदु हरिश्चंद्र]] के हृदय से रामलीला गान की उत्कंठा जगी। परिणामत: [[हिंदी साहित्य]] को "रामलीला" नामक [[चंपू]] की रचना मिली।
== प्रसिद्ध रामलीला-स्थल ==
रामलीला का मूलाधार
लोकनायक राम की लीला भारत के अनेक क्षेत्रों में होती है।
=== दिल्ली की रामलीला ===
दिल्ली में रामलीलाओं का इतिहास बहुत पुराना है। दिल्ली में, सबसे पहली रामलीला [[बहादुरशाह ज़फर]] के समय पुरानी दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई थी। लवकुश रामलीला कमेटी, [http://www.ashokviharramlila.org अशोक विहार रामलीला] कमेटी आदि दिल्ली की प्राचीन रामलीलाओं में से हैं। [http://www.thekendra.com श्री राम भारतीय कला केन्द्र] द्वारा रामलीला का मंचन तीन घंटों में दर्शाया जाता है। यहाँ की रामलीला में पात्रों की वेशभूषा दर्शनीय है। इनके अतिरिक्त दिलशाद गार्डन रामलीला, [http://www.mayuryouthclub.com मयूर यूथ क्लब] मयूर विहार-1 रामलीला, सूरजमल विहार रामलीला आदि भी दिल्ली की चर्चित रामलीलाओं में से हैं।
रामलीलाओं में '''[[छविलाल ढोंढियाल]]''' द्वारा लिखित "रामलीला" पुस्तक बहुत प्रचलित पुस्तक है। अधिकतर रामलीलाएँ इसी पुस्तक पर आधारित हैं।
== इन्हें भी देखें ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://panchjanya.com//Encyc/2014/9/27/विजयादशमी-विशेष---रामलीला-की-वैश्विक-परम्परा.aspx रामलीला की वैश्विक परम्परा] (पाञ्चजन्य)
* [http://www.bhaskar.com/spotlight/dussehra/200710190710191734_ramlila.html क्या है रामलीला?] (दैनिक भास्कर)
* [http://tdil.mit.gov.in/CoilNet/IGNCA/rktha006.htm रामलीला: कितने रंग, कितने रुप]
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