"इज़राइल का इतिहास": अवतरणों में अंतर

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'''1967 ई.''' में स्थिति बहुत खराब हो गई और इज़रायल-सीरिया-सीमाक्षेत्र में हुई झड़पों के बाद मिस्र ने इज़रायल की सीमा पर अपनी सेना बड़ी संख्या में तैनात कर दी। राष्ट्रसंघीय पर्यवेक्षक दल को निष्कासित कर दिया गया और [[लाल सागर|रक्त सागर]] में इज़रायल की जहाजरानी पर [[मिस्र]] द्वारा रोक लगा दी गई। 5-6 जून की रात्रि को इज़रायल ने मिस्र पर जमीनी और हवाई आक्रमण शुरू कर दिए। [[जार्डन]] भी इज़रायल के विरुद्ध युद्ध में सम्मिलित हो गया और [[सीरिया]] की सीमाओं पर भी लड़ाई जारी हो गई। 11 जून को राष्ट्रसंघ द्वारा की गई युद्धविराम की अपील लगभग सभी युद्धरत राष्ट्रों ने स्वीकार कर ली। लेकिन इस समय तक इज़रायल [[गाज़ा पट्टी]], [[स्वेज़ नहर]] के तट तक सिनाई प्रायद्वीप के भूभाग, जार्डन घाटी तक जार्डन के भूभाग, [[जेरूसलम]] तथा [[गैलिली सागर]] के पूर्व में स्थित सीरिया के [[गालन]] नामक पर्वतीय भाग (जिसमें क्यूनेत्रा नामक नहर भी है) पर अधिकार कर चुका था। जेरूसलम को तत्काल इज़रायल का अभिन्न अंग घोषित कर दिया गया, लेकिन शेष विजित इलाके को 'अधिकृत क्षेत्र' के रूप में ही रखा गया।
[[चित्र:Golda Meir 03265u.jpg|t|thumb|250px|गोलडा मेयर]]
 
'''फरवरी, 1969 ई.''' में [[लेवी एश्कोल]] की मृत्यु हो जाने पर श्रीमती [[गोलडा मायर]] इज़रायल की प्रधानमंत्री नियुक्त हुईं और अक्टूबर, 1969 ई. के चुनाव में उन्हें पुन: प्रधानमंत्री चुन लिया गया। युद्ध-विराम-रेखा पर और विशेष रूप से अधिकृत स्वेज़ क्षेत्र में इज़रायलियों तथतथा अरब राष्ट्रों एवं फिलिस्तीनी गुरिल्ला संगठन के बीच छोटी-मोटी झड़पें चलती रहीं जिनका अंत अगस्त, 1970 ई. में हुए युद्धविराम समझौते के बाद ही हुआ। किंतु मध्यपूर्व की वर्तमान स्थिति तब तक विस्फोटक बनी रहेगी, जब तक यहाँ की समस्याओं का कोई स्थायी राजनीतिक समाधान नहीं खोज लिया जाता।
 
== इन्हें भी देखें ==