"होम्योपैथी": अवतरणों में अंतर

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होम्योपैथिक औषधियों मे तीन प्रकार के स्केल प्रयोग किये जाते हैं -
 
'''*(क) '''डेसीमल स्केल''' (Decimal Scale)'''
 
'''*(ख) '''सेन्टीसमल स्केल''' (Centesimal Scale)'''
 
'''*(ग) '''५० मिलीसीमल स्केल''' (50 Millesimial scale)'''
 
===डेसीमल स्केल===
क) '''डेसीमल स्केल'''इसमें मे दवा के एक भाग को vehicle (शुगर आग मिल्क या अल्कोहल) के नौ भाग में मिलाकर triturate या succussion की प्रक्रिया की जाती है। इनसे बनने वाली औषधि की स्केल को "x" शब्द से जाना जाता है जैसे काली फ़ास 6x, एकोनाइट 3x इत्यादि। अधिकाँशतयः ठोस औषधियों में प्रयुक्त की जाने वाली इस इस स्केल में 1x बनाने के लिये दवा का एक भाग और दुग्ध-शर्करा का ९ भाग लेते हैं, तरल औषधियों में 1x बनाने हेतु एक भाग मूलार्क और ९ भाग अल्कोहल का प्रयोग होता है। इससे आगे 2x के लिये 1x का एक भाग और ९ भाग दुग्ध शर्करा अथवा अल्कोहल का लेते हैं ; ऐसे ही आगे कई पोटेन्सी बनाने के लिये पिछली पोटेन्सी का एक भाग लेते हुये आगे की पावर को बढाते हैं।
 
===सेन्टीसमल स्केल===
ख) '''सेन्टीसमल स्केल''' मेइसमें दवा के एक भाग को vehicle (अल्कोहल) के ९९ भाग से सक्कशन किया जाता है। इनकी इनसे बनने वाली औषधियों को दवा की शक्ति "c" से जाना जाता है। जैसे ३०c, २००c, १०००c आदि। सक्कशन सिर्फ़ दवा के मूल अर्क को अल्कोहल में मिलाना भर नही है बल्कि उसे सक्कशन (एक निशचित विधि से स्ट्रोक देना) करना है। आजकल सक्कशन के लिये स्वचालित मशीन का प्रयोग किया जाता है जब कि पुराने समय मे यह स्वयं ही हाथ से बनानी होती थी। पहली पोटेन्सी बनाने के लिये दवा के मूल अर्क का एक हिस्सा और ९९ भाग अल्कोहल लिया जाता है, इसको १० बार सक्शन कर के पहली पोटेन्सी तैयार होती है ; इसी तरह दूसरी पोटेन्सी के लिये पिछली पोटेन्सी का एक भाग और ९९ भाग अल्कोहल ; इसी तरह आगे की पोटेन्सी तैयार की जाती हैं।
 
होम्योपैथी के विरोध के कारणॊंकारणों मे एक प्रमुख कारण होम्योपैथिक औषधियों की न्यून मात्रा भी है।
 
== होमियोपैथी दवाएँ ==