"गंगा प्रदूषण नियंत्रण": अवतरणों में अंतर
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== प्रदूषण का कारण ==
[[ऋषिकेश]] से लेकर [[कोलकाता]] तक गंगा के किनारे [[परमाणु बिजलीघर]] से लेकर [[रासायनिक खाद]] तक के कारख़ाने लगे हैं। [[कानपुर]] का जाजमऊ इलाक़ा अपने [[चमड़ा उद्योग]] के लिए मशहूर है। यहाँ तक आते-आते गंगा का पानी इतना गंदा हो जाता है कि उसमें डुबकी लगाना तो दूर, वहाँ खड़े होकर साँस तक नहीं ली जा सकती। गंगा की इसी दशा को देख कर मशहूर वकील और मैगसेसे पुरस्कार विजेता एमसी मेहता ने १९८५ में गंगा के किनारे लगे कारख़ानों और शहरों से निकलने वाली गंदगी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। फिर सरकार ने गंगा सफ़ाई का बीड़ा उठाया और [[गंगा एक्शन प्लान]] की शुरुआत हुई।
== गंगा एक्शन प्लान ==
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