"टाटा नैनो": अवतरणों में अंतर

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'''टाटा नैनो''' [[टाटा]] [[टाटा मोटर्स|मोटर्स]] के द्वारा निर्मित सबसे नवीन [[कार]] है ।है। यह विश्व की सबसे सस्ती कार है जिसका दाम १ लाख [[भारतीय रुपये]] है ।है। मीडिया ने इसे ''लखटकिया कार'' नाम से ज्यादातरज़्यादातर संबोधित किया। इसकी बिक्री जून २००८ से प्रारंभ होगी ।होगी।
[[रतन नवल टाटा|रतन टाटा]] ने जनता की कार ‘ नैनो ’ को पेश करते हुए आश्वासन दिया कि इस कार की कीमत वादे के मुताबिक एक लाख रुपए ही होगी साथ ही यह सभी प्रकार के सुरक्षा और [[प्रदूषण]] स्तरों को पूरा करती है।<ref>{{cite web |url= http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/2689282.cms|title= टाटा की नन्ही सी 'नैनो' में बड़े-बड़े गुण|accessmonthday=[[१० जनवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher=नवभारत टाइम्स|language=}}</ref>
टाटा ने मारुति ८०० को अपनी परियोजना के लिए निशाना बनाया जिसने करीब दो दशक तक भारतीय बाजार पर राज किया और उन्होंने ऐसी कार बनाई जो लंबाई में आठ फीसदी छोटी लेकिन अंदर से 21२१ फीसदी ज्यादा जगह वाली है।
<ref>{{cite web |url= http://in.jagran.yahoo.com/news/business/general/1_12_4070676/|title= प्रतिद्वंद्वियों को भी किया चित|accessmonthday=[[१० जनवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher=जागरण|language=}}</ref>
 
==टाटा नैनो की विशेषतायें<ref>{{cite web |url= http://emagazine.digitaltoday.in/IndiaTodayHindi/23012008|title= हर कोई बन जाए कारवाला - आवरण कथा|accessmonthday=[[20२० जनवरी]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher=इंडिया टुडे|language=}}</ref>==
 
*'''इंजन''' - 624६२४ सीसी, 33 बीएचपी
*'''[[ईंधन]]''' - करीब ३० किमी/लीटर
*'''सुरक्षा'''- अंतर्राष्ट्रीय [[मानक|मानकों]] के अनुसार
*'''उत्सर्जन''' - [[यूरो 4]] के मानकों के अनुसार
*'''गियर बाक्स''' - 4 स्पीड मैनुअल
*'''ईंधन टैंक''' की क्षमता - 30३० लीटर
*'''अन्य'''- फ्रंट डिस्क ब्रेक और पीछे ड्रम
*'''अधिकतम गति''' - 90९० किमी/घंटा
*'''स्थान''' - [[मारुति 800८००]] से 21% ज्यादा
 
==कंपनी प्लांट बंद==
[[पश्चिम बंगाल]] के सिंगुर में चल रहे विवाद को देखते हुए टाटा मोटर्स ने वहाँ नैनो प्लांट का काम फ़िलहाल रोकने का फ़ैसला किया है.है।
कंपनी ने एक बयान में कहा है कि पिछले कई दिनों से हिंसक तरीके से कर्मचारियों को काम पर आने से रोका जा रहा था और कर्मचारियों और मज़दूरों की सुरक्षा को देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया है.है।
टाटा मोटर्स के मुताबिक नैनो प्लांट को वैकल्पिक स्थान पर ले जाने के बारे में विचार चल रहा है.है।
कंपनी की ओर से ये भी कहा है कि पश्चिम बंगाल के कई लोग नैनो प्लांट में काम कर रहे थे और कोशिश की जाएगी कि उन्हें दूसरी जगह भी नौकरी पर रखा जाए.जाए।"
टाटा मोटर्स के एक प्रवक्ता ने कहा, "नैनो प्लांट के आस-पास स्थिति ठीक नहीं है.है। जब तक माहौल माकूल नहीं बनता हमें समर्थन नहीं मिलता, प्लांट का काम सुचारू रूप से नहीं चल सकता.सकता। हम पश्चिम बंगाल ये सोचकर आए थे कि राज्य में रोज़गार के साधन उपलब्ध करवा सकेंगे और समृद्धि ला सकेंगे.सकेंगे।
 
== विवाद ==
 
पिछले कुछ समय से सिंगुर में नैनो प्लांट किसी न किसी मुश्किल में घिरा रहा है.है। 28२८ अगस्त 2008२००८ के बाद से प्लांट पर कोई काम नहीं हो पाया है.है।
[[तृणमूल कांग्रेस]] के कार्यकर्ता प्लांट के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं और पुलिस के साथ उनकी झड़प भी होती रही है.है। प्रदर्शनकारियों ने उन सब मार्गों को अवरुद्ध कर रखा था जहाँ से फ़ैक्ट्री में प्रवेश किया जा सकता है.है।
[[पश्चिम बंगाल]] सरकार ने एक हज़ार एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण करके उसे टाटा मोर्टस को सौंप था जहाँ वह एक लाख रूपए मूल्य वाली 'जनता कार' का उत्पादन करने वाली थी.थी।
लेकिन योजना का विरोध करने वालों का कहना है कि सिंगुर में चावल की बहुत अच्छी खेती होती है और वहाँ के किसानों को इस परियोजना की वजह से विस्थापित होना पड़ा है.है।
टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अगर सिंगुर में हिंसा और तनाव का माहौल जारी रहा तो वे नैनो परियोजना को कहीं और ले जाएँगे.जाएँगे।
सिंगुर में काम [[जनवरी ]] [[2007 २००७]] में शुरु हुआ था. पश्चिम बंगाल में [[हिंदुस्तान मोटर्स]] के बाद ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में यह दूसरा बड़ा निवेश था.
राज्य सरकार और [[मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी]] यानी माकपा कहती रही है कि लंबे अरसे बाद राज्य में ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में बड़ा निवेश हुआ है जिसे इसे रोकने से औद्योगिक हलकों में गलत संकेत जाएगा और इसके दूरगामी नतीजे होंगे.होंगे। लेकिन तृणमूल कांग्रेस 2006२००६ से ही इस परियोजना का विरोध करती आई है.