"यूरोपीय कोयला और स्टील संगठन": अवतरणों में अंतर

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29 फ़रवरी 1952को '''यूरोपीय कोयला और स्टील संगठन (ईसीएससी)''' ने ज्याँ मोनेट की अध्यक्षता में काम शुरू कर दिया. दरअसल ज्याँ मोनेट की [[शूमाँ घोषणा-पत्र]] के पीछे मुख्य प्रेरणा थे। इस संगठन ने फ्रांस के स्टील उद्योग को जर्मनी से कोयला देने की गारंटी सुनिश्चित की. इसने ब्लेजियम और इटली की कोयला खानों में सुधार के लिए धन भी मुहैया कराने का प्रावधान किया। जर्मनी इस पर सहमत हो गया और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सम्मान हासिल करने के लिए स्टील उत्पादकों के संगठनों को भी भंग कर
29 फ़रवरी 1952
ईसीएससी ने काम शुरु किया
 
यूरोपीय कोयला और स्टील संगठन (ईसीएससी) ने ज्याँ मोनेट की अध्यक्षता में काम शुरू कर दिया. दरअसल ज्याँ मोनेट की शूमाँ घोषणा-पत्र के पीछे मुख्य प्रेरणा थे। इस संगठन ने फ्रांस के स्टील उद्योग को जर्मनी से कोयला देने की गारंटी सुनिश्चित की. इसने ब्लेजियम और इटली की कोयला खानों में सुधार के लिए धन भी मुहैया कराने का प्रावधान किया। जर्मनी इस पर सहमत हो गया और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सम्मान हासिल करने के लिए स्टील उत्पादकों के संगठनों को भी भंग कर
 
[[श्रेणी:यूरोप का इतिहास]]