छो बॉट: अनावश्यक अल्पविराम (,) हटाया।
No edit summary
पंक्ति 1:
[[चित्र:Anderson Sophie Young Girl Fixing Her Hair.jpg|right|thumb|250px|अपने सुन्दर बालों को पूरती हुई कन्या]]
'''बाल''' ([[लैटिन]]: Pili, Capellus, [[फ्रेंच]]: Poil, [[अंग्रेजी]]: Hair, [[जर्मन]]: Haar) [[स्तनधारी]] प्राणियों के बाह्य [[चर्म]] का उद्वर्ध (outer growth) है। [[कीट|कीटों]] के शरीर पर जो तंतुमय उद्वर्ध होते हैं, उन्हें भी बाल कहते हैं। बाल कोमल से लेकर रुखड़ा, कड़ा (जैसे [[सूअर]] का) और नुकीला तक (जैसे [[साहिल]] का) होता है। प्रकॄति ने ठंडे गर्म प्रभाव वाले क्षेत्रों में बसने बाले जीवों को बाल दिये हैं, जो जाडे की [[ॠतु]] में ठंड से रक्षा करते है और गर्मी मे अधिक [[ताप]] से [[सिर]] की [[रक्षा]] करते हैं। जब [[शरीर]] से न सहने वाली गर्मी पडती है, तो शरीर से [[पसीना]] बहकर निकलता है, वह बालों के कारण [[गर्मी]] से जल्दी नही सूखता है, किसी कठोर वस्तु से अचानक हुए [[हमला]] से भी बाल बचाव करते है।
[[चित्र:Vulpes vulpes sitting.jpg|250px|thumb|right|बहुत से मानवेतर स्तनधारियों के शरीर पर मुलायम बाल पाये जाते हैं; इसे 'फर' कहते हैं।]]
बाल की बनावट पक्षियों के परों या सरीसृप के शल्कों से बिल्कुल भिन्न होती है। स्तनधारियों में [[ह्वेल]] के शरीर पर सबसे कम बाल होता है। कुछ वयस्क ह्वेल के शरीर पर तो बाल बिल्कुल होता ही नहीं। मनुष्यों में सबसे घना बाल सिर पर होता है। बाल शरीर को सर्दी और गरमी से बचाता है। शरीर के अन्य भागों पर बड़े सूक्ष्म छोटे छोटे रोएँ होते है। पलकों, हथेली, तलवे तथा अँगुलियों और अँगूठों के नीचे के भाग पर बाल नहीं होते। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्यों का शरीर झबरे बालों से ढँका रहता था। पर सभ्य मनुष्य के शरीर पर झबरे बाल नहीं होते। इसलिए वह वस्त्र धारण कर अपने शरीर की सर्दी और गरम से रक्षा करता है। मनुष्य के कुछ भागों में, [[हारमोन]] के स्राव बनने पर ही बाल उगते हैं, जैसे ओठों पर, काँखों में, लिंगोपरि भागों में इत्यादि।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बाल" से प्राप्त