"इस्लामी पवित्र ग्रन्थ": अवतरणों में अंतर
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▲'''इस्लामी पवित्र पुस्त्क''' : मुस्लिम समुदाय के विश्वासों के आधार पर यह वह पुस्तक हैं जिनको [[अल्लाह]] ने अनेक [[इस्लाम के पैग़म्बर|पैगम्बरों]] पर अवतरण किया. मानव चरित्र में मानव कल्याण के लिए जब जब आवश्यकता हवी तब तब पैगम्बरों को भेजा और सन्मार्ग की शिक्षा दी. और इस शिक्षण के लिए आसमानी किताबें, सहीफे उतारे गए. इन्हीं किताबों के श्रंखला की आख़री कड़ी [[कुरआन]] है. और ये आख़री किताब [[कुरआन]] पिछले भेजे गए तमाम किताबों की तस्दीक करती है. <ref>''Concise Encyclopedia of Islam'', Cyril Glasse, ''Holy Books''</ref> वैसे इस्लाम में कुरआन पवित्र और अल्लाह का आख़री कलाम है, और कुरान ये भी तालीम देता है कि पिछले ग्रंथों की इज्ज़त करें. इस्लाम में, कुरआन में चर्चित चार किताबों को आसमानी किताबें माना जाता है. वे [[तौरात]] (जो मूसा पर प्रकट हुई), [[ज़बूर]] (जो [[दाउद]] पर प्रकट हुई), [[बाइबल|इंजील]] (जो [[ईसा मसीह]] पर प्रकट हुई) और [[कुरआन]].
== बड़ी किताबें ==
कुरआन, कम से कम तीन आसमानी किताबों का ज़िक्र करती है, जो के कुरआन से पहले प्रकट हुवे.
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