"रवीन्द्र कालिया": अवतरणों में अंतर

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हिंदी साहित्य में रवींद्र कालिया की ख्याति [[उपन्यासकार]], [[कहानीकार]] और संस्मरण लेखक के अलावा एक ऐसे बेहतरीन [[संपादक]] के रूप में है, जो मृतप्राय: पत्रिकाओं में भी जान फूंक देते हैं. रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं, जिन्हें पाठकों की नब्ज़ और बाज़ार का खेल दोनों का पता है.
0111 अप्रैलनवम्बर, 1939 को जालंधर में जन्मे रवीन्द्र कालिया हाल ही में [[भारतीय ज्ञानपीठ|भारतीय_ज्ञानपीठ]] के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्होंने ‘नया ज्ञानोदय’ के संपादन का दायित्व संभालते ही उसे हिंदी साहित्य की अनिवार्य पत्रिका बना दिया।
 
[[धर्मयुग]] में रवींद्र कालिया के योगदान से सारा साहित्य-जगत परिचित है। रवीन्द्र कालिया '''ग़ालिब छुटी शराब''' में लिखते हैं