"कन्हैया गीत": अवतरणों में अंतर
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|extra1A =अश्वमेघ यज्ञ की कथा वृत्तांत
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|title2= गुरु वशिष्ठ बुलाय राम ने सिंहासन बैठाया, कई नाथ मेरे मन की लगन मिटा दे जीत लिए सब भूप यज्ञ मेरो अश्वमेघ यज्ञ करा दे
|extra2=गांवड़ी मीणा
|extra2A =अश्वमेघ यज्ञ की कथा वृत्तांत
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|title3= विलोचन राजा को पेट तो बढ़े रात दिन दूजो...
|extra3=परीता
|length3=7:34
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